असम में आधार कार्ड बनाने को लेकर एक नया आदेश जारी किया गया है, जिसके अनुसार नए आवेदकों को अब आधार कार्ड के लिए आवेदन करते समय अपनी NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) आवेदन रसीद संख्या जमा करनी होगी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने यह घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम अवैध नागरिकों की पहचान करने और उनकी संख्या को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राज्य में आधार कार्ड के लिए आवेदन करने वालों की संख्या जनसंख्या से अधिक है, जिससे यह संकेत मिलता है कि कुछ संदिग्ध नागरिक भी आवेदन कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन 9.55 लाख लोगों के बायोमेट्रिक्स राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (NRC) प्रक्रिया के दौरान लॉक कर दिए गए थे, उन्हें इस नियम का पालन करने की आवश्यकता नहीं होगी। उनके आधार कार्ड अपने आप जारी हो जाएंगे।
NRC के साथ आधार का संबंध
NRC (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) असम में अवैध अप्रवासियों की पहचान करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में 2013 में शुरू की गई एक पहल है। इसका उद्देश्य वैध भारतीय नागरिकों की पहचान करना और अवैध प्रवासियों की संख्या को नियंत्रित करना है। आधार कार्ड के लिए NRC आवेदन रसीद संख्या की अनिवार्यता इसी प्रक्रिया को और मजबूत बनाने के लिए की गई है, ताकि अवैध नागरिक आधार कार्ड प्राप्त न कर सकें।
NRC के लागू होने के बाद से असम में यह पहचान प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि असम में बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या एक चिंता का विषय है, और इस मुद्दे पर सरकार गंभीरता से कार्य कर रही है। पिछले कुछ महीनों में कई अवैध बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार कर उन्हें उनके देश वापस भेजा गया है।
आधार कार्ड जारी करने में सख्ती
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि आधार कार्ड जारी करने में राज्य सरकार अब काफी सख्ती बरतेगी। नए आवेदकों के लिए तीन-स्तरीय सत्यापन प्रक्रिया लागू की जाएगी। इसका मतलब यह है कि आधार कार्ड के लिए आवेदन करने वाले व्यक्ति का डाटा राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर सत्यापित किया जाएगा। इसके बाद ही आधार कार्ड जारी किया जाएगा।
आधार कार्ड के लिए वेरिफिकेशन प्रक्रिया
यूआईडीएआई (UIDAI) ने नए आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में एक बड़ा बदलाव किया है। अब, अगर 18 साल या उससे अधिक उम्र का कोई व्यक्ति आधार के लिए आवेदन करता है, तो उसे अधिकतम 6 महीने में आधार कार्ड मिल जाएगा। परंतु, इससे पहले, तीन-स्तरीय वेरिफिकेशन प्रक्रिया से गुजरना अनिवार्य है।
आधार सेवा केंद्र में आवेदन करने के बाद व्यक्ति का डेटा पहले बेंगलुरु के यूआईडीएआई डाटा सेंटर में भेजा जाएगा, फिर वहां से सत्यापन के लिए राज्य और जिला स्तर पर भेजा जाएगा। तीनों स्तरों पर वेरिफिकेशन के बाद ही आधार कार्ड आवेदक को दिया जाएगा।
नए आदेश का उद्देश्य
सरकार का यह निर्णय उन अवैध विदेशियों की पहचान करने में मदद करेगा, जो बिना किसी वैध पहचान पत्र के असम में रह रहे हैं। इसके साथ ही, इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि आधार कार्ड केवल वैध भारतीय नागरिकों को ही जारी किया जाए। राज्य सरकार इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए प्रयासरत है, ताकि राज्य में अवैध प्रवासियों की संख्या पर नियंत्रण किया जा सके।
आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया में यह नया आदेश असम में लागू हो चुका है, और इसका मुख्य उद्देश्य अवैध प्रवासियों की पहचान करना और उन्हें वैध दस्तावेज़ प्राप्त करने से रोकना है। जिन नागरिकों ने अभी तक NRC के लिए आवेदन नहीं किया है, उन्हें अपनी NRC आवेदन रसीद संख्या जमा करनी होगी। इस कदम से राज्य में अवैध विदेशियों की संख्या को नियंत्रित करने और आधार कार्ड की प्रक्रिया को अधिक सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया गया है।