केंद्र सरकार ने दिव्यांगजनों के लिए कौशल विकास योजना (Skill Development Scheme) का लाभ उठाने के लिए अब आधार कार्ड (Aadhaar Card) को अनिवार्य कर दिया है। इसके तहत दिव्यांग व्यक्तियों को कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है, ताकि उन्हें रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने इस महत्वपूर्ण बदलाव के बारे में एक सूचना जारी करते हुए स्पष्ट किया कि इस योजना का लाभ अब सिर्फ उन्हीं व्यक्तियों को मिलेगा, जिनके पास आधार कार्ड या आधार आवेदन की रसीद होगी।

सरकार द्वारा जारी किए गए नोटिफिकेशन में यह भी बताया गया है कि जिनके पास अभी तक आधार कार्ड नहीं है, वे तुरंत इसके लिए आवेदन करें। इसके अलावा, जिन व्यक्तियों के पास आधार कार्ड नहीं है, वे अस्थायी पहचान के रूप में अन्य दस्तावेज़ जैसे जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड या अन्य सरकारी दस्तावेज़ प्रस्तुत कर सकते हैं। इस कदम के तहत, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि किसी भी पात्र व्यक्ति को योजना के लाभ से वंचित नहीं होना पड़े।
दिव्यांगजनों के लिए कौशल विकास योजना का उद्देश्य
केंद्र सरकार की यह कौशल विकास योजना, जिसे “National Action Plan for Skill Development” के तहत शुरू किया गया है, दिव्यांगजनों को उच्च गुणवत्ता की प्रशिक्षण प्रदान करती है, ताकि वे विभिन्न प्रकार के रोजगार में दक्ष हो सकें। यह योजना 2015 में शुरू की गई थी और इसका मुख्य उद्देश्य दिव्यांगजनों को समाज में समावेशी बनाना और उन्हें आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी की गई अधिसूचना में यह कहा गया है कि अगर किसी दिव्यांग व्यक्ति के पास आधार कार्ड नहीं है तो उसे उस समय तक एक वैकल्पिक पहचान प्रमाण प्रस्तुत करना होगा जब तक आधार कार्ड नहीं मिल जाता। मंत्रालय ने कहा कि यह कदम इस योजना की पारदर्शिता और लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
आधार प्रमाणीकरण और अन्य आवश्यक दस्तावेज
नई नीति के अनुसार, दिव्यांगजनों को कौशल विकास योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए अब आधार प्रमाणीकरण जरूरी होगा। इसके तहत लाभार्थियों को परिवहन भत्ता, भोजन, आवास और अन्य सरकारी सहायता प्राप्त करने के लिए भी आधार कार्ड के जरिए प्रमाणीकरण करना पड़ेगा। हालांकि, मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि आधार कार्ड न होने के कारण किसी पात्र व्यक्ति को योजना के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा। इसके लिए अस्थायी दस्तावेज़ जैसे जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल रिकॉर्ड, या अन्य वैध सरकारी दस्तावेज़ स्वीकार किए जाएंगे।
मंत्रालय की नई पहल और आधार नामांकन केंद्र
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने अधिकारियों और एजेंसियों को यह निर्देश दिया है कि वे दिव्यांगजनों के लिए आधार नामांकन केंद्रों की स्थापना करें या खुद रजिस्ट्रार बनें, ताकि इस समुदाय के लोगों को आधार कार्ड बनाने और अपडेट करने की सुविधा आसानी से मिल सके। मंत्रालय ने यह कदम सुनिश्चित करने के लिए उठाया है कि दिव्यांगजनों को किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम के तहत योजना का महत्व
यह योजना भारत सरकार के दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 (Rights of Persons with Disabilities Act) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस अधिनियम का उद्देश्य दिव्यांगजनों के लिए विभिन्न अधिकारों और सुविधाओं को सुनिश्चित करना है, ताकि वे समाज में समान अवसरों का लाभ उठा सकें। कौशल विकास योजना के तहत दिव्यांगजनों को रोजगार के अवसर प्राप्त हो रहे हैं, जो उनके आत्मसम्मान को बढ़ावा देने के साथ-साथ उनके जीवन स्तर में भी सुधार ला रहा है।
योजना के प्रभाव और सरकार की भूमिका
भारत सरकार ने 2015 में दिव्यांगजनों के लिए कौशल विकास योजना की शुरुआत की थी। इसके तहत देशभर में विभिन्न संस्थानों में दिव्यांगजनों को प्रशिक्षण दिया जाता है ताकि वे अपनी क्षमता के अनुसार रोजगार प्राप्त कर सकें। सरकार का उद्देश्य दिव्यांगजनों को केवल मानसिक रूप से नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से भी सशक्त बनाना है। सरकार ने सुनिश्चित किया है कि योजनाओं के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो, और इसका लाभ सभी को बराबरी से मिल सके।