
भारत सरकार के केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने बच्चों के Aadhaar कार्ड से संबंधित एक अहम और अनिवार्य अपडेट जारी किया है। इस नए दिशा-निर्देश के अनुसार, UIDAI यानी भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने सभी बच्चों के लिए, जिन्होंने 7 वर्ष की आयु पूरी कर ली है, बायोमेट्रिक अपडेट (MBU) को अनिवार्य कर दिया है। यह अपडेट उन अभिभावकों के लिए बेहद जरूरी है, जिनके बच्चों का Aadhaar तो बन गया है लेकिन अभी तक उनका बायोमेट्रिक डेटा अपडेट नहीं हुआ है।
Aadhaar अब हर बच्चे का होगा बायोमेट्रिक सत्यापन
भारत में Aadhaar कार्ड आज न केवल नागरिक पहचान का प्रमाण है, बल्कि यह बैंकिंग, शिक्षा, हेल्थकेयर और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी बन चुका है। यही कारण है कि UIDAI समय-समय पर इसके अपडेट और सुरक्षा को लेकर नई दिशानिर्देश जारी करता है। अब 7 साल की उम्र पूरी करने वाले बच्चों के लिए बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट, आंखों की स्कैनिंग आदि) का अपडेट कराना अनिवार्य किया गया है।
इससे पहले, बच्चों के Aadhaar में दो प्रमुख उम्रों — 5 वर्ष और 15 वर्ष — पर अपडेट की आवश्यकता थी। लेकिन अब 7 वर्ष का अपडेट भी उसी श्रेणी में लाया गया है। इससे बच्चों की पहचान और अधिक सटीक और प्रमाणिक होगी।
बायोमेट्रिक अपडेट क्यों है जरूरी?
बचपन में बनाए गए Aadhaar कार्ड में बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाता या सीमित रूप से लिया जाता है, क्योंकि उस उम्र में बच्चों के बॉयोमेट्रिक फीचर्स स्थायी नहीं होते। जब बच्चा 7 वर्ष की आयु पूरी करता है, तो उसके फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन अपेक्षाकृत स्थिर हो जाते हैं। यही वजह है कि अब UIDAI ने इसे एक जरूरी प्रक्रिया के रूप में लागू किया है।
यह अपडेट भविष्य में बच्चों के दस्तावेजों, स्कूल एडमिशन, बैंकिंग कार्यों, सरकारी योजनाओं जैसे Scholarship Schemes, PM-Kisan, और स्वास्थ्य योजनाओं से जुड़ने के लिए आवश्यक होगा।
कहां और कैसे कराएं Aadhaar बायोमेट्रिक अपडेट?
UIDAI ने स्पष्ट किया है कि बच्चों के बायोमेट्रिक अपडेट के लिए अभिभावक या माता-पिता किसी भी नजदीकी Aadhaar सेवा केंद्र या अधिकृत Aadhaar केंद्र पर जाकर यह प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। इसमें बच्चे की वर्तमान फोटो, फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन लिए जाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है, यह सेवा निःशुल्क (Free of Cost) उपलब्ध है।
इस अपडेट के लिए जरूरी है कि बच्चा अपने माता-पिता के साथ केंद्र पर उपस्थित हो। साथ ही, माता-पिता को अपने पहचान पत्र जैसे कि स्वयं का Aadhaar कार्ड लेकर जाना होगा।
क्या होगा अगर बायोमेट्रिक अपडेट नहीं कराया?
यदि किसी बच्चे की उम्र 7 वर्ष हो चुकी है लेकिन उसका बायोमेट्रिक अपडेट नहीं हुआ है, तो भविष्य में उसके Aadhaar नंबर को कुछ सेवाओं के लिए अवैध या अनुपयोगी माना जा सकता है। साथ ही, कई जरूरी कार्यों जैसे कि स्कूल एडमिशन, सरकारी योजना लाभ, बैंक खाता खुलवाना आदि में समस्याएं आ सकती हैं।
अक्सर देखा गया है कि कई बार अभिभावक इस अपडेट को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे भविष्य में परेशानी होती है। UIDAI ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इस संबंध में अलर्ट भेजा है और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि अधिकतम बच्चों का बायोमेट्रिक अपडेट समय पर हो जाए।
Aadhaar में सुधार लाने की दिशा में UIDAI का कदम
यह कदम ना केवल बच्चों की पहचान को अधिक मजबूत और भरोसेमंद बनाता है, बल्कि देशभर में जारी Digital Identity को और भी पारदर्शी बनाने की दिशा में एक ठोस पहल है। Aadhaar की मदद से विभिन्न सेवाओं को डिजिटल रूप से सुरक्षित और सरल बनाया जा रहा है, और बच्चों की सही पहचान उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
UIDAI का यह नया नियम डिजिटल इंडिया मिशन के अंतर्गत नागरिकों की पहचान व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और समावेशी बनाने का प्रयास है। इससे Aadhaar की स्वीकार्यता और सटीकता को भी बल मिलेगा।