आधार कार्ड आज के समय में सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले दस्तावेजों में से एक है। चाहे मोबाइल सिम लेना हो, बैंक अकाउंट खोलना हो, या फिर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना हो, Aadhar Card की अनिवार्यता बढ़ती जा रही है। लेकिन कई लोग अब भी यह समझने में असमंजस में हैं कि क्या आधार कार्ड नागरिकता और जन्मतिथि के प्रमाण के रूप में स्वीकार्य है?
आधार कार्ड नागरिकता का प्रमाण नहीं
यूनिक आइडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (UIDAI) के अनुसार, आधार कार्ड आपकी पहचान का प्रमाण तो हो सकता है, लेकिन यह नागरिकता या जन्मतिथि का प्रमाण नहीं है। आधार केवल आपके नाम, पता, और अन्य बायोमेट्रिक जानकारी का प्रमाण देता है। इसलिए इसे नागरिकता या जन्मतिथि प्रमाण के रूप में उपयोग करना सही नहीं है।
सरकारी विभागों में आधार का उपयोग
हालांकि, कुछ सरकारी विभाग जैसे चुनाव आयोग आधार कार्ड को वोट देने के लिए पहचान के प्रमाण के रूप में मान्यता देते हैं। लेकिन, कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) और अन्य विभागों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वे आधार को जन्मतिथि प्रमाण के रूप में स्वीकार नहीं करेंगे।
नए आधार कार्ड में डिस्क्लेमर
UIDAI ने नए आधार कार्ड में यह स्पष्ट रूप से डिस्क्लेमर जोड़ दिया है कि आधार केवल पहचान का प्रमाण है, नागरिकता या जन्मतिथि का नहीं। यह बदलाव सरकारी विभागों और अन्य संगठनों को यह संकेत देने के लिए किया गया है कि वे आधार का उपयोग केवल पहचान के प्रमाण के रूप में करें, नागरिकता के लिए नहीं।
NRI के लिए भी उपलब्ध
जो लोग वैध भारतीय पासपोर्ट रखते हैं, वे भी आधार के लिए आवेदन कर सकते हैं, चाहे वे नाबालिग हों या वयस्क। यह सुविधा विशेष रूप से NRI के लिए है, लेकिन आधार उनके लिए भी केवल पहचान का प्रमाण होगा, न कि नागरिकता का।
आधार कार्ड का उपयोग कई जगह इस्तेमाल होता है, लेकिन यह पहचान का प्रमाण है, नागरिकता या जन्मतिथि का नहीं। इसलिए, सरकारी कार्यों या अन्य महत्वपूर्ण उद्देश्यों के लिए सही दस्तावेज़ों का उपयोग करना आवश्यक है।
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