Aadhaar Card Update: आधार कार्ड बनवाने वालों के लिए बड़ी खबर! अगर अब आप आधार कार्ड बनवाने के लिए आवेदन करते हैं तो आपको छह महीने का इन्तजार होगा। पहले आप बायोमेट्रिक जानकारी के आधार कार्ड बाद आसानी से बनवा लेते थे लेकिन अब इसकी बनाने की प्रक्रिया को पासपोर्ट की तरह किया जा रहा है। अर्थात जिस तरह से आपका पासपोर्ट बनता है उसकी प्रकार से ही Aadhaar भी बनाया जाएगा। पहले आपको अप्लाई करना है, बायोमेट्रिक किया जाएगा तथा आपकी सम्पूर्ण जानकारी का वेरिफिकेशन किया जाएगा। इस प्रक्रिया के पश्चात आपको यह दस्तावेज दिया जाएगा। तो चलिए जानते हैं इस आवश्यक जानकारी के बारे में विस्तार से।
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आधार कार्ड बनने में लगेगा छह महीने का टाइम
आधार कार्ड को लेकर अभी आधिकारिक घोषणा की गई है, जिसमें कहा गया है कि आधार कार्ड को बनने में छह महीने का समय लगेगा, लेकिन यह बहुत ही जल्द लागू किया जाएगा। इस आधिकारिक घोषणा में कहा गया जा कि कोई भी व्यक्ति जिसकी 18 साल से अधिक उम्र हो गई है और उसने अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया है। और अगर वह अब आधार बनाने के लिए अप्लाई करता है तो आधार कार्ड आने में लगभग 6 महीने का समय लगेगा।
क्यों लाएगा इतना समय?
अगर अब आप 18 वर्ष से अधिक आयु की उम्र में आधार कार्ड के लिए आवेदन करते हैं, तो इसमें अधिकतम 6 माह का समय लगेगा। आपको बता दें यह आधार कार्ड तीन स्तरों के सत्यापन के बाद बनेगा, इसमें पहले राष्ट्रीय स्तर पर सत्यापन होगा इसके बाद राज्य स्तर पर तथा लास्ट में जिला/स्थानीय स्तर पर सत्यापन किया जाएगा। अर्थात अब तीन स्तरीय वेफिकेशन प्रक्रिया लागू की जाएगी, अब आधार कार्ड बनाने की प्रक्रिया थोड़ा अधिक मुश्किल हो गई है।
जानकारी के लिए बताएं, अब आधार सेवा केंद्र से एनरोलमेंट करवाने के पश्चात सेंटर से पहले व्यक्ति का डाटा यूआईडीएआई के बेंगलुरु स्थित डाटा डेंटर में भेजा जाएगा, यहां पर व्यक्ति की सम्पूर्ण जानकारी का वेरिफिकेशन किया जाएगा तथा इसके बाद राजधानी में भेजा जाएगा।
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फर्जी आधार कार्ड के आए थे मामले
देश में सुरक्षा बनाए रखने के लिए सरकार द्वारा इस व्यवस्था को शुरू किया गया गया और जल्द ही लागू भी कर दिया जाएगा। वर्ष 2010-11 में एनरोलमेंट के बाद लोगों के आधार कार्ड बनाए गए थे, उसी समय निजी एजंसियों द्वारा भी आधार कार्ड बनाए जा रहें थे क्योंकि उनको भी इसकी जिम्मेदारी मिल थी। उस समय आवेदक द्वारा बताई गई मौखिक जानकारी के तहत गई एनरोलमेंट कर दिए जाते थे। जिसमें कई आधार कार्ड फर्जी भी पाए गए थे। करीबन 5 वर्ष के भीतर भोपाल में फर्जी आधार कार्ड के 17 मामले आए थे।