
गुरुवार को सरकार ने निजी संस्थाओं को अपने मोबाइल ऐप में आधार-सक्षम फेस ऑथेंटिकेशन (Face Authentication) को इंटीग्रेट करने की अनुमति दे दी है। सरकार का उद्देश्य इस कदम के जरिए ग्राहकों को सेवाओं तक पहुंच को और अधिक सरल और सुविधाजनक बनाना है। यह प्रक्रिया इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (Meity) द्वारा शुरू किए गए आधार सुशासन पोर्टल के माध्यम से संचालित होगी, जो आधार प्रमाणीकरण (Aadhaar Authentication) के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) का हिस्सा होगा।
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कभी भी और कहीं भी ऑथेंटिकेशन संभव
इस फैसले से अब निजी संस्थाएं अपने ग्राहक-सामने वाले ऐप में फेस ऑथेंटिकेशन को एकीकृत कर सकेंगी, जिससे उपयोगकर्ता कभी भी और कहीं भी सत्यापन प्रक्रिया को पूरा कर पाएंगे। Meity द्वारा लॉन्च किया गया आधार सुशासन पोर्टल इस प्रक्रिया को सरल और सुव्यवस्थित करेगा। यह पोर्टल आधार प्रमाणीकरण के लिए आवश्यक दिशा-निर्देशों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करेगा, जिससे प्रमाणन चाहने वाली संस्थाएं आसानी से इस सेवा का लाभ उठा सकेंगी।
फैसले लेने की प्रक्रिया में बढ़ेगी पारदर्शिता
सरकार के अनुसार, यह निर्णय जनवरी 2025 के अंत में अधिसूचित संशोधन का हिस्सा है, जिसमें आधार प्रमाणीकरण के दायरे का विस्तार किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को परेशानी मुक्त सेवाओं की बेहतर पहुंच प्रदान करना है। ऑनलाइन प्लेटफॉर्म swik.meity.gov.in के माध्यम से आधार प्रमाणीकरण के लिए संशोधित नियम लागू किए जाएंगे। ये नियम सामाजिक कल्याण, नवाचार और ज्ञान को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाए गए हैं।
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आधार प्रमाणीकरण सेवा के व्यापक लाभ
सरकार ने 31 जनवरी 2025 को आधार अधिनियम में संशोधन किया, जिससे निजी संस्थाओं को आधार प्रमाणीकरण सेवाओं का लाभ उठाने की अनुमति मिल गई है। यह संशोधन सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों को नवाचार को सक्षम करने, ज्ञान के प्रसार को बढ़ावा देने और नागरिकों के जीवन को सरल बनाने के लिए विभिन्न सेवाएं प्रदान करने की अनुमति देता है। आधार प्रमाणीकरण सेवा का उपयोग अब आतिथ्य, स्वास्थ्य सेवा, क्रेडिट रेटिंग ब्यूरो, ई-कॉमर्स, शैक्षणिक संस्थानों और एग्रीगेटर सेवा प्रदाताओं सहित कई क्षेत्रों में किया जा सकेगा।
परेशानी मुक्त सेवाओं का विस्तार
इस नए संशोधन से आधार संख्या धारकों को कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परेशानी मुक्त सेवाओं का लाभ मिलेगा। सेवा प्रदाता इसे कर्मचारियों की उपस्थिति दर्ज करने, ग्राहक ऑनबोर्डिंग, ई-केवाईसी सत्यापन, परीक्षा पंजीकरण और अन्य महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं के लिए उपयोग कर सकते हैं। इस तकनीक के माध्यम से डिजिटल सेवाओं की पहुंच और दक्षता में उल्लेखनीय सुधार आएगा।
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