
अब तक आधार कार्ड (Aadhaar Card) को पहचान और पते के प्रमाण के रूप में हर जगह अनिवार्य माना गया है। लेकिन हाल की कुछ खबरों और सरकारी पहलों के अनुसार, यदि आपके पास वैध मतदाता पहचान पत्र (Voter ID) है, तो कई जरूरी काम बिना आधार के भी संभव हो सकते हैं। इससे उन लोगों को राहत मिली है जिनके आधार में त्रुटियां हैं या जिन्हें तकनीकी कारणों से परेशानी हो रही है।
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वोटर आईडी बन रही है आधार का विकल्प
वोटर आईडी (Voter ID) एक सरकारी पहचान पत्र है जो भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी किया जाता है। यह नागरिक की पहचान के साथ-साथ पते का भी प्रमाण देता है। विभिन्न बैंकिंग सेवाओं, सरकारी योजनाओं, मोबाइल सिम कार्ड जारी करने जैसे मामलों में अब वोटर आईडी को आधार के समकक्ष मान्यता दी जा रही है। खास बात ये है कि जिनके पास आधार नहीं है, वे वोटर आईडी के जरिए भी कई सेवाओं का लाभ ले सकते हैं।
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आधार-वोटर लिंकिंग से मिलेगा दोहरा फायदा
सरकार ने मतदाता पहचान पत्र को और अधिक विश्वसनीय बनाने के लिए इसे आधार से लिंक (Link with Aadhaar) करने की प्रक्रिया शुरू की है। हालांकि यह लिंकिंग अभी वैकल्पिक है, लेकिन इसका उद्देश्य फर्जी वोटिंग और डुप्लिकेट पहचान को रोकना है। यह कदम चुनावी व्यवस्था को पारदर्शी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। यदि आपने अपने वोटर आईडी को आधार से लिंक किया है, तो यह आपकी पहचान को और मजबूत करता है।
पहचान दस्तावेज़ों में अब विकल्प का दौर
जहां एक ओर आधार कार्ड डिजिटल इंडिया की रीढ़ बना हुआ है, वहीं दूसरी ओर सरकार नागरिकों को पहचान के लिए वैकल्पिक दस्तावेज़ों की सुविधा भी दे रही है। पैन कार्ड, वोटर आईडी, पासपोर्ट जैसे दस्तावेज़ अब कई मामलों में आधार की जगह इस्तेमाल हो रहे हैं। यह नागरिकों को लचीलापन देता है और सरकारी सेवाओं की पहुंच को आसान बनाता है।
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