Aadhaar Card: आधार कार्ड (Aadhaar Card) भारत में एक महत्वपूर्ण पहचान पत्र है, जिसकी आवश्यकता सरकारी और गैर-सरकारी कामकाज में होती है। बैंक खाता खोलने से लेकर पैन कार्ड बनवाने तक आधार कार्ड का इस्तेमाल हर जगह किया जाता है। इसमें व्यक्ति की नाम, जन्मतिथि, पता और एक यूनिक आधार नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारियां होती हैं। अब आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को लेकर UIDAI ने एक बड़ा बदलाव किया है, जिससे लाखों लोगों को राहत मिलेगी।
शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए बड़ी राहत
अब ऐसे लोग भी आधार कार्ड बनवा सकेंगे जिनके हाथ या उंगलियां नहीं हैं। UIDAI ने नई प्रक्रिया के तहत उन व्यक्तियों को राहत दी है, जो बायोमेट्रिक पहचान जैसे फिंगरप्रिंट देने में असमर्थ हैं। अब आधार कार्ड के लिए आईरिस स्कैन (IRIS Scan) का उपयोग किया जा सकता है। यह कदम उन लोगों के लिए विशेष रूप से सहायक होगा जो शारीरिक रूप से अक्षम हैं।
नए नियमों के पीछे की वजह
केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) केरल की एक महिला, जोसीमोल पी जोस, के मामले में हस्तक्षेप करने के बाद यह बदलाव लाया गया। जोसीमोल उंगलियां नहीं होने के कारण आधार के लिए नामांकन नहीं करा पा रही थीं। इस घटना ने सरकार का ध्यान इस समस्या की ओर आकर्षित किया, जिसके बाद फिंगरप्रिंट की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया।
आधार एनरोलमेंट के नए प्रावधान
UIDAI ने बताया है कि अगर कोई पात्र व्यक्ति फिंगरप्रिंट या आईरिस दोनों देने में असमर्थ है, तो भी आधार बनवाने की प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। ऐसे मामलों में व्यक्ति की अन्य जानकारी जैसे नाम, लिंग, पता, और जन्मतिथि दर्ज की जाती है। इसके साथ ही एक फोटो ली जाती है और आधार एनरोलमेंट सेंटर के पर्यवेक्षक से इसे असाधारण श्रेणी में मान्यता दी जाती है।
बदलाव से लाखों लोगों को होगा फायदा
फिंगरप्रिंट की अनिवार्यता खत्म होने से ऐसे लाखों लोग अब आधार कार्ड बनवा सकेंगे, जो पहले इस प्रक्रिया से वंचित थे। अगर किसी व्यक्ति को आईरिस स्कैन में भी समस्या हो, तो वह फिंगरप्रिंट के माध्यम से प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं। यह कदम UIDAI द्वारा समावेशिता को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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आधार कार्ड क्यों है जरूरी?
आधार कार्ड भारत में नागरिकों की पहचान का सबसे प्रमुख दस्तावेज है। यह सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने, बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल करने और विभिन्न अन्य उद्देश्यों के लिए अनिवार्य है। यह यूनिक आइडेंटिटी नंबर नागरिकों के व्यक्तिगत डेटा को सुरक्षित और संरक्षित रखने में भी मदद करता है।
सरकार का समावेशी कदम
यह बदलाव विशेष रूप से उन लोगों के लिए सहायक है, जो शारीरिक अक्षमता के कारण इस सुविधा से वंचित थे। सरकार का यह कदम समावेशिता और समानता को बढ़ावा देता है। यह सुनिश्चित करता है कि हर भारतीय नागरिक को अपनी पहचान के लिए आधार कार्ड बनवाने का अधिकार मिले, चाहे उनकी शारीरिक स्थिति कैसी भी हो।
UIDAI के इस कदम से यह स्पष्ट हो गया है कि भारत सरकार हर नागरिक को समान अवसर देने के लिए प्रतिबद्ध है। नए नियमों से आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया न केवल आसान हुई है, बल्कि इससे समाज के कमजोर वर्गों को भी मुख्यधारा में शामिल होने का मौका मिलेगा।