UIDAI ने उठाया बड़ा कदम! अब फर्जी Aadhaar बनाने वालों की खैर नहीं, केवल इन लोगों का बनेगा आधार कार्ड

UIDAI ने फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की है, जिससे अब केवल पात्र और सत्यापित नागरिकों को ही मिलेगा, आधार कार्ड। यह कदम न केवल आधार प्रणाली की सुरक्षा को बढ़ाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी को भी रोकने में मदद करेगा। जानिए कैसे UIDAI की यह पहल आपके आधार को और भी सुरक्षित बनाएगी!

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By Nishant
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UIDAI ने उठाया बड़ा कदम! अब फर्जी Aadhaar बनाने वालों की खैर नहीं, केवल इन लोगों का बनेगा आधार कार्ड
UIDAI ने उठाया बड़ा कदम! अब फर्जी Aadhaar बनाने वालों की खैर नहीं, केवल इन लोगों का बनेगा आधार कार्ड

UIDAI ने आधार कार्ड से रिलेटिड हो रही धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए एक विशेष नई योजना बनाई है। यह योजना एक ऐसी होगी, जो अब तक के सबसे एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी,जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और मशीन लर्निंग (ML) जैसी तकनिकी को शामिल किया जाएगा, इसके आलावा, UIDAI का यह कदम फर्जी आधार कार्ड के निर्माण और बार-बार आधार में बदलाव करने वालों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। अब इन नई तकनीकों के जरिए अब फर्जी आधार कार्ड Aadhaar Card की पहचान करना आसान होगा, और होने वाले कई प्रकार के फ्रॉड पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी।

UIDAI की नई तकनीकी पहल

UIDAI ने यह सुनिश्चित करने के लिए अपनी नई योजना का एलान किया है, कि आधार में किसी भी प्रकार के बदलाव को अब आसानी से किया न जा सके। अब आधार कार्ड में जन्मतिथि और बायोमैट्रिक्स (जैसे फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान) को अपडेट करना इतना आसान नहीं रहेगा। इसका मुख्य उद्देश्य आधार कार्ड को अधिक सुरक्षित बनाना है। UIDAI के CEO भुवनेश कुमार ने हाल ही में बताया कि फर्जी आधार कार्ड को पहचानने और उसे निष्क्रिय करने के लिए नए AI-बेस्ड टूल्स का उपयोग किया जाएगा।

इसके अलावा, UIDAI अब यह भी कन्फर्म करेगा, कि आधार कार्ड का उपयोग सिर्फ सही और प्रमाणित लोगों द्वारा किया जा रहा है। कई बार लोग अपने जन्मतिथि को बदलकर क्रिकेट टीम में चयन या नौकरी प्राप्त करने के लिए आधार कार्ड का गलत तरीके से उपयोग करते थे। ऐसे फ्रॉड से बचने के लिए UIDAI ने एक नई वेरिफिकेशन प्रोसेस बनाई है, जो डेटाबेस में पहले से मौजूद जानकारी के साथ बायोमैट्रिक्स की जांच करेगी।

आधार कार्ड के बायोमैट्रिक्स को सुरक्षा देने की दिशा में कदम

UIDAI ने एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है, जिसमें बायोमैट्रिक्स का सही तरीके से मैच करने के लिए AI और मशीन लर्निंग टूल्स का इस्तेमाल किया जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत, आधार कार्ड के बायोमैट्रिक्स जैसे फिंगरप्रिंट और फेस आईडी को एक ओरिजिनल डेटाबेस से मैच किया जाएगा। अगर किसी यूज़र का बायोमैट्रिक्स या जन्मतिथि बार-बार बदलता है, तो यह तकनीक उसे आसानी से पकड़ लेगी।

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UIDAI ने यह भी सुनिश्चित किया है, कि बायोमैट्रिक्स अपडेट केवल सीनियर सिटीजन्स के लिए ही किए जा सकेंगे। आम यूज़र्स को आधार में बार-बार बदलाव करने से रोका जाएगा। इस प्रक्रिया के तहत, अब तक आधार के फिंगरप्रिंट और चेहरे की पहचान को बार-बार अपडेट करने का कोई तरीका नहीं रहेगा। इससे आधार कार्ड का उपयोग अधिक सटीक और सुरक्षित होगा।

आधार अप्प्लाई प्रोसेस अब होगा पूरी तरह से ऑनलाइन

UIDAI ने आधार कार्ड के आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया है। अब आधार कार्ड के लिए आवेदन करते समय सभी डॉक्यूमेंट्स को डिजिटली वेरिफाई किया जाएगा, ताकि किसी भी प्रकार के दस्तावेजी धोखाधड़ी को रोका जा सके। इसके अलावा, आधार कार्ड के लिए अप्लाई करने वाले गैर-भारतीय नागरिकों के लिए नए नियम लागू किए गए हैं। अब वे आधार कार्ड के लिए तभी अप्लाई कर सकेंगे जब वे भारत में 180 दिनों से अधिक समय से रह रहे हों।

UIDAI ने हजारों आधार कार्ड किए रद्द जानें वहज

UIDAI ने पिछले कुछ समय में 1.17 करोड़ आधार कार्डों को रद्द किया है। यह उन लोगों के आधार कार्ड थे, जिनकी मृत्यु हो चुकी थी, लेकिन उनके परिजनों ने आधार कार्ड को रद्द करने के लिए आवेदन नहीं किया था। इसके अलावा, UIDAI ने 1,456 ऐसे आधार आवेदन भी रिजेक्ट किए हैं, जो विदेशी नागरिकों द्वारा भारतीय नागरिकता के तहत आधार के लिए किए गए थे।

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