
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है, जिसने आधार कार्ड को लेकर अब तक बनी धारणाओं को बदल दिया है। UIDAI के अनुसार, आधार कार्ड (Aadhaar Card) अब सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए ही नहीं, बल्कि भारत में निवास करने वाले गैर-नागरिकों के लिए भी उपलब्ध है। यह घोषणा उन विदेशी नागरिकों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आई है, जो लंबे समय से भारत में रह रहे हैं और पहचान प्रमाण के रूप में आधार कार्ड प्राप्त करना चाहते हैं।
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UIDAI का बड़ा बयान
UIDAI ने स्पष्ट किया है कि आधार अधिनियम, 2016 के तहत, आधार संख्या (Aadhaar Number) किसी भी व्यक्ति को जारी की जा सकती है, जो भारत में कम से कम 182 दिन या उससे अधिक समय तक निवास कर चुका हो। इसका मतलब यह है कि विदेशी नागरिक (Foreign Nationals), जो भारत में एक निश्चित अवधि तक रहे हैं, वे भी आधार के लिए पात्र हो सकते हैं। पहले यह धारणा थी कि आधार केवल भारतीय नागरिकों के लिए ही होता है, लेकिन UIDAI के इस नए बयान ने इस गलतफहमी को दूर कर दिया है।
कैसे करें आधार कार्ड के लिए आवेदन?
अगर कोई विदेशी नागरिक या नॉन-रेजिडेंट इंडियन (NRI) आधार कार्ड प्राप्त करना चाहता है, तो उसे कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की जरूरत होगी। इसमें पहचान प्रमाण (Proof of Identity) और निवास प्रमाण (Proof of Address) शामिल हैं। UIDAI की वेबसाइट के अनुसार, पासपोर्ट, बैंक स्टेटमेंट, बिजली बिल या अन्य सरकारी दस्तावेजों को पहचान प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। एक बार दस्तावेज़ जमा करने और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन पूरा करने के बाद, आवेदक को आधार नंबर जारी कर दिया जाएगा।
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ई-आधार भी होगा पूरी तरह वैध
UIDAI ने यह भी स्पष्ट किया है कि आधार कार्ड की डिजिटल कॉपी यानी ई-आधार (E-Aadhaar) पूरी तरह से मान्य है और किसी भी सरकारी या गैर-सरकारी सेवा में उपयोग किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि आधार कार्ड की हार्ड कॉपी की आवश्यकता नहीं है, बल्कि इसे ऑनलाइन डाउनलोड करके डिजिटल रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे विदेशी नागरिकों और NRI को काफी सहूलियत मिलेगी।
नागरिकता और आधार में क्या अंतर?
UIDAI के इस बयान के बाद यह सवाल उठ रहा है कि अगर आधार सिर्फ भारतीय नागरिकों के लिए नहीं है, तो क्या यह नागरिकता प्रमाण (Citizenship Proof) के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है? इस पर UIDAI ने दो टूक कहा है कि आधार कार्ड सिर्फ एक पहचान प्रमाण (Identity Proof) है, न कि नागरिकता प्रमाण। इसका उपयोग केवल वित्तीय लेनदेन, बैंकिंग सेवाओं, मोबाइल सिम और सरकारी योजनाओं में लाभ प्राप्त करने के लिए किया जा सकता है।
क्या होगा इस फैसले का असर?
UIDAI के इस फैसले का सबसे ज्यादा असर उन विदेशी नागरिकों पर पड़ेगा, जो भारत में लंबे समय तक रहते हैं और जिनके पास पहचान के लिए कोई ठोस दस्तावेज़ नहीं होते। इससे उन्हें बैंक अकाउंट खोलने, मोबाइल सिम लेने और सरकारी सेवाओं तक पहुंचने में आसानी होगी। साथ ही, इससे फर्जी पहचान पत्रों के मामलों में भी कमी आने की उम्मीद है, क्योंकि अब गैर-नागरिक भी कानूनी रूप से आधार प्राप्त कर सकते हैं।
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