आधार कार्ड से जुड़ी एक नई जानकारी सामने आई है जिसने मुझे भी सोचने पर मजबूर कर दिया। मैंने हाल ही में आधार कार्ड में बदलाव करवाने की कोशिश की, और तब मुझे पता चला कि अब आधार कार्ड पर रिश्तों की जानकारी, जैसे पति या पिता का नाम, नहीं दिखेगा। यह बात मुझे थोड़ी अजीब लगी, लेकिन फिर समझ में आया कि ये बदलाव क्यों किए गए हैं।
आधार कार्ड पर अब नहीं दिखेंगे रिश्ते
कुछ दिनों पहले, मैंने अपनी पत्नी के आधार कार्ड में पता बदलवाने का सोचा। जब नया कार्ड आया, तो उसमें ‘वाइफ ऑफ’ की जगह ‘केयर ऑफ’ लिखा था। यह देखकर मैं हैरान रह गया। पहले तो मुझे लगा कि यह किसी सिस्टम की गलती हो सकती है। लेकिन जब मैंने पोस्ट ऑफिस, बैंक और अन्य केंद्रों पर जाकर जांच की, तो हर जगह यही ‘केयर ऑफ’ दिखा। इसके बाद मुझे पता चला कि यह कोई गलती नहीं, बल्कि नया नियम है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
इस बदलाव का कारण 2018 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला है। इस फैसले में लोगों की निजता की बात की गई थी। अब आधार कार्ड में रिश्तों की जानकारी नहीं दी जाती है। इसका मतलब यह है कि अब पति, पिता, या किसी अन्य रिश्तेदार का नाम आधार कार्ड में दिखाना अनिवार्य नहीं है। यह बदलाव निजता की सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है।
आधार कार्ड बनवाना अब और आसान
आधार कार्ड को बनवाने की प्रक्रिया अब और भी सरल हो गई है। पहले अगर आपको आधार बनवाना होता था, तो पिता, पति, या किसी अन्य रिश्तेदार का नाम देना अनिवार्य होता था। लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब आप सिर्फ अपना नाम और पता देकर भी आधार कार्ड बनवा सकते हैं। अगर आप चाहें, तो ‘केयर ऑफ’ में भी किसी का नाम न देकर सिर्फ अपने नाम और पते के साथ आधार कार्ड बनवा सकते हैं।
यह बदलाव क्यों महत्वपूर्ण है?
इस बदलाव का एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि अब आधार कार्ड से रिश्ते नहीं तय किए जाएंगे। इसका मतलब यह है कि अनाथ बच्चे, जिनके पास माता-पिता नहीं हैं, या जिनके परिवार में कोई नहीं है, वे भी आसानी से आधार कार्ड बनवा सकेंगे। इससे उन्हें पहचान प्राप्त करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। पहले, ऐसे लोग जो बिना माता-पिता के थे, उन्हें आधार कार्ड बनवाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। अब यह प्रक्रिया उनके लिए भी आसान हो गई है।
अनाथों के लिए राहत
यह बदलाव उन लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत लेकर आया है जो अनाथ हैं या जिनके पास कोई परिवार नहीं है। वे अब बिना किसी परेशानी के अपना आधार कार्ड बनवा सकेंगे। यह कदम समाज में सभी लोगों को समान अधिकार देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
आधार की नई पहचान
आधार कार्ड अब पूरी तरह से एक व्यक्ति की विशिष्ट पहचान का दस्तावेज बन गया है। इसमें 12 अंकों का यूनिक नंबर होता है जो व्यक्ति के फिंगरप्रिंट और आंखों से जुड़ा होता है। अगर कोई व्यक्ति अपना नाम भी बदलता है, तो भी उसका यूनिक आधार नंबर उसकी पहचान को सुरक्षित रखेगा।
आधार कार्ड में किए गए ये बदलाव समाज के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकते हैं। यह न केवल निजता की रक्षा करता है, बल्कि उन लोगों की भी मदद करता है जो अनाथ हैं या जिनके पास कोई नहीं है। सरकार का यह कदम आधार को एक सशक्त और आधुनिक पहचान पत्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है.
असंगत तर्क, केवल जनता की जेब ढीली करवाने का चक्रव्यूह
Aadhaar card mey detached the name of husband or father is not justified it should be optional because our on line system is not sucess . The wastage of. 3 Month time to making aadhar card 140 crore citizen of india. So it is advised to UDID govt of india. It should be optional not mandatory the expenditure of govt can be avoid a.nd it is infratious expenditure
Very bad amendments, instead giving facilities to orphan without mentioning father’s name ,no mention father’s name in all adhaar card .
Practically it is not good decision. New May have added additional facility for the orphans etc. along with old option.