
अब आधार और पैन कार्ड को अपडेट और लिंक कराना पहले से कहीं ज्यादा तेज और आसान हो गया है। सरकार ने ऐसी सुपरफास्ट अपडेट सर्विस की शुरुआत की है, जिससे अब केवल तीन कार्यदिवसों में आपकी आधार-पैन लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी हो सकेगी। यह कदम उन लाखों करदाताओं के लिए राहत लेकर आया है, जो अब तक लंबी प्रतीक्षा अवधि और तकनीकी जटिलताओं से जूझते थे।
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ऑनलाइन माध्यम से आधार-पैन लिंकिंग
नई सेवा के तहत सबसे बड़ा लाभ यह है कि नागरिक अब आयकर विभाग की ई-फाइलिंग वेबसाइट के माध्यम से घर बैठे अपने दस्तावेज़ लिंक कर सकते हैं। केवल कुछ जरूरी जानकारियां दर्ज करके, ₹1,000 का शुल्क भरकर, और ओटीपी सत्यापन के ज़रिए यह काम कुछ ही मिनटों में पूरा किया जा सकता है। भुगतान के 3 दिन के भीतर लिंकिंग की पुष्टि कर दी जाएगी, जिससे करदाता की आईटीआर फाइलिंग और अन्य बैंकिंग गतिविधियां अब रुकेंगी नहीं।
एसएमएस और ऑफलाइन विकल्प भी उपलब्ध
जो लोग ऑनलाइन माध्यम में सहज नहीं हैं, उनके लिए एसएमएस और ऑफलाइन विकल्प भी उपलब्ध हैं। मोबाइल से एक साधारण मैसेज भेजकर या नजदीकी NSDL/UTIITSL सेवा केंद्र पर जाकर भी यह काम कराया जा सकता है। हालांकि, ऑफलाइन प्रक्रिया में थोड़ा अधिक समय लग सकता है, लेकिन सरकार द्वारा बढ़ाई गई केंद्रों की संख्या और स्टाफ प्रशिक्षण के चलते यह विकल्प भी तेजी से परिणाम देने लगा है।
पैन निष्क्रिय होने से बचने का अंतिम मौका
पैन कार्ड को आधार से लिंक करना अब कानूनी अनिवार्यता बन चुका है। जिन व्यक्तियों का पैन कार्ड आधार से लिंक नहीं है, उनका पैन निष्क्रिय घोषित किया जा सकता है। इससे आयकर रिटर्न फाइल करने, बैंकिंग लेनदेन करने और निवेश के दस्तावेज़ों में अड़चन आ सकती है। यही कारण है कि सरकार ने बार-बार यह चेतावनी दी है कि समय रहते अपने दस्तावेजों को लिंक कराएं।
CBDT का नया नोटिफिकेशन और समयसीमा
हाल ही में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने यह स्पष्ट किया है कि 1 अक्टूबर 2024 से पहले जिन नागरिकों को आधार एनरोलमेंट आईडी के माध्यम से पैन आवंटित हुआ है, उन्हें 31 दिसंबर 2025 तक अपने वैध आधार नंबर की जानकारी देनी होगी। यह सूचना देना जरूरी है ताकि उनका पैन कार्ड वैध बना रहे और कर संबंधी कार्यों में व्यवधान न आए।
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वित्तीय पारदर्शिता और डिजिटलीकरण की दिशा में कदम
यह सुपरफास्ट सेवा केवल दस्तावेज़ लिंकिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि यह देश की वित्तीय प्रणाली को पारदर्शी और डिजिटलीकृत बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। कर चोरी पर अंकुश लगाने, फर्जी पैन कार्ड के दुरुपयोग को रोकने और करदाताओं को बेहतर सेवाएं देने के लिए यह पहल शुरू की गई है। इससे ‘डिजिटल इंडिया’ के तहत आम नागरिक को प्रशासनिक सेवाएं तेजी से और पारदर्शिता के साथ मिलेंगी।
निष्क्रिय पैन कार्ड से हो सकती है आर्थिक असुविधा
यदि किसी व्यक्ति का पैन कार्ड निष्क्रिय हो गया है, तो वे न केवल आयकर रिटर्न दाखिल करने से वंचित रह सकते हैं, बल्कि उन्हें 10,000 रुपये तक का जुर्माना भी भुगतना पड़ सकता है। इसके अलावा, बैंकिंग और निवेश सेवाएं जैसे म्युचुअल फंड निवेश, शेयर खरीदारी, FD खोलना आदि भी रुक सकते हैं। इस कारण सरकार अब विशेष जोर दे रही है कि हर नागरिक समय रहते यह प्रक्रिया पूरी कर ले।
रिटर्न फाइलिंग सीजन में मिलेगा फायदा
जून-जुलाई का समय आयकर रिटर्न दाखिल करने का होता है। ऐसे में यह सुपरफास्ट सेवा उन करदाताओं के लिए वरदान साबित होगी जिनका पैन-आधार अब तक लिंक नहीं हो पाया है। वे अब जल्दी से इस प्रक्रिया को पूरा कर सकते हैं और समय पर अपना रिटर्न दाखिल कर सकते हैं।
डिजिटल अवेयरनेस बढ़ाने का अभियान
सरकार इस नई सुविधा की जानकारी लोगों तक पहुंचाने के लिए डिजिटल प्रचार अभियान भी चला रही है। ‘Aadhaar Mitra’ चैटबॉट जैसी सेवाएं नागरिकों को ऑनलाइन सहायता देने के लिए चालू हैं, जिससे वे बिना आधार केंद्र जाए भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
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