
आधार कार्ड अब सिर्फ पहचान का जरिया नहीं, बल्कि हमारी डिजिटल दुनिया का प्रवेशद्वार बन चुका है। लेकिन जितना इसका उपयोग बढ़ा है, उतना ही यह धोखेबाजों का निशाना भी बन गया है। हाल ही में कई ऐसे स्कैम सामने आए हैं जिन्होंने आम नागरिकों की जिंदगी बर्बाद कर दी।
आज के समय आधार का उपयोग सरकारी दस्तावेज बनवाने से लेकर योजनाओं का लाभ लेने के लिए भी जरुरी हो गया है। जिसका फायदा उठाकर कई साइबर अपराधी आम लोगों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। इस लेख में हम आपको आधार कार्ड से जुड़ी 5 खतरनाक ठगी की घटनाएं और उनसे बचने के तरीके विस्तार से बताएंगे, ताकि आप सतर्क रह सकें।
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हर आयु वर्ग बन रहा है स्कैम का शिकार
आधार से जुड़े स्कैम की घटनाएं पूरे देश में फैल चुकी हैं। मुंबई में एक 86 वर्षीय महिला से ₹20 करोड़ की ठगी डिजिटल अरेस्ट स्कैम के तहत की गई, जबकि उत्तर प्रदेश में एक गिरोह ने हजारों आधार बायोमेट्रिक रिकॉर्ड्स से छेड़छाड़ कर फर्जी आईडेंटिटी तैयार की। यह घटनाएं बताती हैं कि अगर आप लापरवाह रहे, तो आपकी पूरी डिजिटल पहचान खतरे में पड़ सकती है। ऐसे में हर आयु वर्ग के व्यक्ति को स्कैन से बचने के लिए अलर्ट रहना बेहद ही जरुरी है।
डिजिटल अरेस्ट स्कैम
डिजिटल अरेस्ट स्कैम की सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि स्कैमर खुद को पुलिस या सरकारी अधिकारी बताते हैं और कहानियों के जाल में फंसा कर डर फैलाते हैं। आम आदमी जब डरता है, तो जल्दी ही अपनी निजी जानकारी शेयर कर देता है। इस डर का फायदा उठाकर वे बैंक खाते से पैसे निकाल लेते हैं। UIDAI ने बार-बार चेतावनी दी है कि आधार से जुड़ी कोई भी जानकारी फोन पर नहीं मांगी जाती।
बायोमेट्रिक डेटा से छेड़छाड़
बायोमेट्रिक डेटा से छेड़छाड़ की घटनाएं भी तेजी से बढ़ी हैं। मेरठ से पकड़े गए एक गिरोह ने पूरे देश के 12 राज्यों में बायोमेट्रिक धोखाधड़ी की। उन्होंने नकली वेबसाइट, एडमिन पैनल एक्सेस और थंब इम्प्रेशन डिवाइस के जरिए हजारों लोगों की पहचान में गड़बड़ी की। इससे साबित होता है कि अब सिर्फ OTP ही नहीं, बल्कि आपकी उंगलियों के निशान भी खतरे में हैं।
आधार अपडेट स्कैम, फर्जी लिंक से हो रही ठगी
व्हाट्सएप और SMS के जरिए आधार अपडेट स्कैम भी बढ़ते जा रहे हैं। लोगों को नकली लिंक भेजकर कहा जाता है कि उनका आधार एक्सपायर होने वाला है या अपडेट जरूरी है। जैसे ही वे इन फर्जी वेबसाइटों पर निजी जानकारी डालते हैं, उनकी बैंक डिटेल्स लीक हो जाती हैं। हैदराबाद में दर्जनों लोग इस जाल में फंस चुके हैं।
सिम क्लोजर स्कैम
सिम क्लोजर स्कैम में स्कैमर्स खुद को TRAI अधिकारी बताकर लोगों को डराते हैं कि उनका सिम बंद हो रहा है और आधार अपडेट करना जरूरी है। इस प्रक्रिया में वे आधार नंबर, बैंक डिटेल्स और OTP मांगते हैं। इस तरह वे सिम स्वैप करके आपके नंबर को अपने कब्जे में ले लेते हैं और फिर उसी से बैंकिंग OTP लेकर पैसे निकालते हैं।
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आधार से लिंक खातों से उड़ाई जा रही रकम
वर्तमान में सबसे गंभीर स्कैम है आधार-बैंक लिंक फ्रॉड। बिहार के पूर्णिया में हजारों लोगों के खाते आधार के जरिए हैक कर लिए गए और पैसे निकाल लिए गए। ये ठग बायोमेट्रिक डेटा के जरिए बैंकिंग सिस्टम को एक्सेस करते हैं, जिसमे OTP की जरूरत भी नहीं पड़ती। यह तकनीकी स्कैम अब ग्रामीण भारत में भी फैल रहा है, जहां डिजिटल जागरूकता बेहद ही कम है।
इस स्कैम से कैसे बचा जा सकता है?
आधार कार्ड से जुड़ी ठगी से बचने के लिए आपको कुछ जरूरी सावधानियां अपनानी चाहिए। यहाँ नीचे दिए गए सुझाव आपके डेटा और पैसों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद करेंगे:
1. UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट का ही उपयोग करें
किसी भी आधार संबंधी अपडेट या जानकारी के लिए केवल https://uidai.gov.in या mAadhaar ऐप का इस्तेमाल करें। किसी भी अनजान वेबसाइट, WhatsApp लिंक या SMS लिंक पर क्लिक न करें।
2. अज्ञात कॉल्स और मैसेज से सावधान रहें
अगर कोई खुद को पुलिस, बैंक अधिकारी या UIDAI कर्मचारी बताकर आपके आधार नंबर, OTP, बैंक विवरण या बायोमेट्रिक जानकारी मांगता है, तो वह स्कैम हो सकता है। UIDAI या सरकार कभी कॉल करके निजी जानकारी नहीं मांगती।
3. अपने बायोमेट्रिक डेटा को लॉक करें
UIDAI की वेबसाइट पर जाकर आप अपने फिंगरप्रिंट और आईरिस डेटा को लॉक कर सकते हैं। जब भी इनकी ज़रूरत हो, तभी आप इन्हें अस्थायी रूप से अनलॉक कर सकते हैं।
4. Aadhaar Authentication History नियमित रूप से जांचें
UIDAI पोर्टल पर लॉग इन करके आप देख सकते हैं कि आपके आधार का उपयोग कब और किसने किया। अगर कोई अनजान एंट्री दिखे, तो तुरंत रिपोर्ट करें।
5. मास्क्ड आधार कार्ड का उपयोग करें
जब भी आप आधार कार्ड की कॉपी किसी को दें (जैसे होटल, ऑफिस, एजेंसी), तो मास्क्ड आधार दें जिसमें केवल आखिरी 4 अंक दिखते हैं। साथ ही उस पर “केवल इस उद्देश्य के लिए” लिखना न भूलें।
6. सिम या बैंक से जुड़े अलर्ट्स ऑन रखें
अपने बैंक और मोबाइल से SMS और ईमेल अलर्ट चालू रखें ताकि किसी भी ट्रांजैक्शन या सिम बदलाव की जानकारी तुरंत मिल सके।
7. संदिग्ध गतिविधि की रितुरंत पोर्ट करें
अगर आपको किसी स्कैम का शक हो तो UIDAI हेल्पलाइन 1947 पर कॉल करें या [email protected] पर ईमेल करें। साथ ही, साइबर क्राइम पोर्टल https://cybercrime.gov.in पर शिकायत दर्ज करें।
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