UPSC, RRB, SSC, GD कांस्टेबल भर्ती में आधार वेरिफिकेशन हुआ जरूरी, बिना वेरीफिकेशन के नहीं भर पाएंगे फॉर्म

SSC ने आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया, UPSC और RRB के बाद SSC भर्ती में भी आधार वेरीफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है।

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By Nishant
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UPSC, RRB, SSC, GD कांस्टेबल भर्ती में आधार वेरिफिकेशन हुआ जरूरी, बिना वेरीफिकेशन के नहीं भर पाएंगे फॉर्म
UPSC, RRB, SSC, GD कांस्टेबल भर्ती में आधार वेरिफिकेशन हुआ जरूरी, बिना वेरीफिकेशन के नहीं भर पाएंगे फॉर्म

केंद्र सरकार ने सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता लाने और पहचान की पुष्टि को मजबूत करने के उद्देश्य से आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य कर दिया है। UPSC और रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) के बाद अब कर्मचारी चयन आयोग (SSC) ने भी आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया है। इस नई व्यवस्था के तहत SSC की सभी भर्तियों में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य रूप से पूरा करना होगा।

SSC की भर्तियों में आधार वेरिफिकेशन

कर्मचारी चयन आयोग (SSC) द्वारा GD कांस्टेबल भर्ती सहित सभी अन्य भर्तियों के लिए आधार वेरिफिकेशन अनिवार्य कर दिया गया है। उम्मीदवारों को SSC की किसी भी भर्ती में आवेदन करने के लिए आधार नंबर का वेरीफिकेशन कराना आवश्यक होगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य उम्मीदवार की पहचान की पुष्टि करना और किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी से बचाव सुनिश्चित करना है।

केंद्र सरकार द्वारा इस पहल को अनुमति देते हुए SSC को निर्देश दिए गए हैं कि वन टाइम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर और परीक्षाओं के विभिन्न चरणों के दौरान आधार वेरिफिकेशन के माध्यम से उम्मीदवारों की पहचान वेरीफाई की जाए। इसके बिना कोई भी आवेदन मान्य नहीं होगा। यह कदम SSC द्वारा भर्तियों में अधिक पारदर्शिता लाने और फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर होने वाली गड़बड़ियों को रोकने के उद्देश्य से उठाया गया है।

UPSC और RRB में पहले से लागू

आधार वेरिफिकेशन की यह प्रक्रिया पहली बार UPSC (संघ लोक सेवा आयोग) द्वारा लागू की गई थी। UPSC ने इसे अपनाने के बाद रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) ने भी इसे अपने भर्ती प्रोसेस में शामिल किया था। अब SSC भी इस प्रक्रिया को लागू कर रहा है, जिससे सरकारी भर्तियों में फर्जी या Dummy Candidates में कमी आएगी।

पूजा खेड़कर मामला और आधार वेरिफिकेशन की आवश्यकता

इस प्रक्रिया की शुरुआत पूजा खेड़कर मामले के बाद से हुई। पूजा खेड़कर ने फर्जी ओबीसी और दिव्यांग सर्टिफिकेट का इस्तेमाल कर UPSC की सिविल सेवा परीक्षा पास की थी। जब इस धोखाधड़ी का खुलासा हुआ, तो जांच के बाद उन्हें बर्खास्त कर दिया गया। इसी प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए आधार वेरिफिकेशन को अनिवार्य किया गया है ताकि भविष्य में फर्जी दस्तावेज़ों का उपयोग करके सरकारी नौकरियों में प्रवेश करने से रोका जा सके।

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SSC की भूमिका और भर्ती प्रक्रिया

कर्मचारी चयन आयोग (SSC) केंद्र सरकार की प्रमुख भर्ती एजेंसियों में से एक है। यह विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में ग्रुप बी और ग्रुप सी पदों पर भर्तियों के लिए परीक्षाएं आयोजित करता है। SSC हर साल लाखों उम्मीदवारों का चयन करता है और सरकारी सेवाओं में बड़ी संख्या में भर्ती करता है। ऐसे में आधार वेरिफिकेशन के माध्यम से उम्मीदवारों की पहचान सत्यापित करने से भर्ती प्रक्रिया की विश्वसनीयता और पारदर्शिता बढ़ेगी।

UPSC की परीक्षाओं में आधार वेरिफिकेशन

UPSC, जो कि भारत की सबसे प्रतिष्ठित भर्ती एजेंसी है, साल में 14 प्रमुख परीक्षाओं का आयोजन करती है। इसमें सिविल सेवा परीक्षा, भारतीय विदेश सेवा (IFS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS) और अन्य महत्वपूर्ण परीक्षाएं शामिल हैं। इसके साथ ही UPSC अन्य समूह बी और सी पदों के लिए भी परीक्षाओं का आयोजन करती है। आधार वेरिफिकेशन के माध्यम से इन परीक्षाओं में उम्मीदवारों की सटीक पहचान की पुष्टि की जाती है, जिससे फर्जी उम्मीदवारों की संभावना समाप्त होती है।

SSC में आधार वेरिफिकेशन को लागू करने का निर्णय सरकारी भर्तियों में पारदर्शिता और सुरक्षा को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उम्मीदवारों की पहचान सुनिश्चित होगी और फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा। इस नई व्यवस्था के तहत सभी उम्मीदवारों को आवेदन करते समय अपने आधार का वेरीफिकेशन करना होगा।

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