आधार (Aadhaar) कार्ड धारकों के लिए गोपनीयता को सुरक्षित रखने और डाटा की सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने वर्चुअल आईडी (Virtual ID) की शुरुआत की है। यदि कोई आधार धारक अपना आधार नंबर साझा करने से बचना चाहता है, तो वह इस वर्चुअल आईडी का उपयोग विभिन्न सेवाओं के लिए कर सकता है। यह सुविधा केवल उन्हीं आधार धारकों के लिए उपलब्ध है जिनके मोबाइल नंबर आधार से लिंक हैं।
वर्चुअल आईडी क्या है?
वर्चुअल आईडी एक 16 अंकों का रैंडम जनरेटेड नंबर है जिसे UIDAI ने अप्रैल 2018 में पेश किया। यह नंबर आधार कार्ड की तरह ही उपयोगी है, लेकिन इससे आधार नंबर साझा किए बिना सिम वेरीफिकेशन या अन्य सेवाओं का लाभ उठाया जा सकता है। वर्चुअल आईडी की मदद से सीमित जानकारी, जैसे नाम, पता और फोटोग्राफ, साझा की जाती है, जिससे गोपनीयता सुरक्षित रहती है।
इस कदम का उद्देश्य आधार डाटा को किसी भी दुरुपयोग से बचाना और उपयोगकर्ताओं को अधिक सुरक्षा प्रदान करना है।
वर्चुअल आईडी कैसे जनरेट करें?
वर्चुअल आईडी को ऑनलाइन जनरेट करना एक सरल प्रक्रिया है। आधार धारक UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट (www.uidai.gov.in) पर जाकर इसे बना सकते हैं।
- इसके लिए वेबसाइट पर लॉग इन करें और “आधार सर्विस ऑप्शन” में वर्चुअल आईडी सेक्शन पर क्लिक करें।
- इसके बाद आपको एक नए पेज पर ले जाया जाएगा।
- अब अपना 12 अंकों का आधार नंबर और सिक्योरिटी कोड भरें।
- इसके बाद “ओटीपी जनरेट करें” विकल्प चुनें।
- आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए ओटीपी को दर्ज करें।
- “जनरेट वर्चुअल आईडी” विकल्प को चुनें।
- सफलतापूर्वक वर्चुअल आईडी जनरेट होने के बाद, आपको एक पुष्टिकरण संदेश प्राप्त होगा।
वर्चुअल आईडी को आप बार-बार जनरेट कर सकते हैं। नई वर्चुअल आईडी बनने के बाद पुरानी आईडी स्वतः अमान्य हो जाएगी। यह आईडी एक तय समय तक वैध रहती है या जब तक उपयोगकर्ता इसे बदलने का निर्णय नहीं लेते। सेवाओं के दौरान इसे फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन के साथ प्रस्तुत किया जा सकता है।
(FAQs)
1. वर्चुअल आईडी कितनी बार जनरेट की जा सकती है?
आप वर्चुअल आईडी को जितनी बार चाहें जनरेट कर सकते हैं।
2. क्या वर्चुअल आईडी स्थायी होती है?
नहीं, वर्चुअल आईडी अस्थायी होती है और इसे समय-समय पर बदला जा सकता है।
3. वर्चुअल आईडी किन सेवाओं के लिए मान्य है?
यह सिम वेरीफिकेशन और अन्य आधार-आधारित सेवाओं के लिए मान्य है।