हाल ही में सरकार ने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की पैन 2.0 स्कीम को मंजूरी दी है। इस नई पहल का उद्देश्य पैन और टैन जारी करने के तरीके को सुव्यवस्थित करना और प्रबंधन को मॉर्डन बनाना है। इस योजना के अंतर्गत, डुप्लिकेट पैन कार्ड को खत्म करने और पैन के माध्यम से हो रहे फर्जीवाड़े पर पूर्णतः रोक लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।
पिछले कुछ वर्षों में पैन कार्ड के जरिए फर्जीवाड़े की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। सरकार ने पैन 2.0 के जरिए सभी खामियों को दूर करने और टैक्स से जुड़े रिकॉर्ड को अधिक सटीक बनाने की तैयारी की है। इस योजना का मुख्य फोकस डुप्लिकेट पैन कार्ड को समाप्त करना और डिजिटल तकनीक का अधिकतम उपयोग करना है।
एक से अधिक पैन कार्ड रखना गैरकानूनी
आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को एक से अधिक पैन कार्ड रखने की अनुमति नहीं है। यदि किसी व्यक्ति के पास डुप्लिकेट पैन कार्ड है, तो उसे संबंधित अधिकारी को सूचित कर अपने अतिरिक्त पैन को निष्क्रिय करवाना होगा। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो आयकर विभाग इस पर कार्रवाई करते हुए जुर्माना लगा सकता है।
वित्त मंत्रालय के अनुसार, पैन 2.0 के तहत एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग कर ऐसे डुप्लिकेट पैन कार्ड की पहचान की जाएगी। यह पहल पैन कार्ड के दुरुपयोग और फर्जीवाड़े को रोकने के लिए बेहद प्रभावी होगी।
डुप्लिकेट पैन कार्ड सरेंडर न करने पर भारी जुर्माना
यदि आपके पास डुप्लिकेट पैन कार्ड है और आपने इसे सरेंडर नहीं किया, तो आयकर अधिनियम की धारा 272बी के तहत आपको ₹10,000 तक का जुर्माना देना होगा। इस जुर्माने से बचने के लिए, आपको अपने अतिरिक्त पैन कार्ड को NSDL या UTIITSL जैसे पैन सेवा प्रदाताओं के पास जमा करना होगा।
डुप्लिकेट पैन को निष्क्रिय करने से पहले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि आपका वैध पैन आधार से जुड़ा हो और बैंक खातों, निवेश, और टैक्स रिकॉर्ड में सही रूप से अपडेट हो। यह प्रक्रिया आपकी वित्तीय लेन-देन को सुरक्षित और निर्बाध बनाएगी।
पैन 2.0 की भूमिका
पैन 2.0 स्कीम न केवल डुप्लिकेट पैन को खत्म करने बल्कि पैन कार्ड से जुड़े सभी डेटा को अधिक सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से लाई गई है। इस स्कीम के अंतर्गत डिजिटल तकनीक के इस्तेमाल से फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी की घटनाओं पर सख्त निगरानी रखी जाएगी। सरकार का यह कदम देश के वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ाने के साथ-साथ करदाताओं के लिए एक भरोसेमंद प्रणाली बनाने की दिशा में बड़ा कदम है।