भारत में PAN Card (स्थायी खाता संख्या) का महत्व अब केवल टैक्स रिटर्न दाखिल करने तक सीमित नहीं है। इसे पहचान प्रमाण के रूप में हर जगह मांगा जाने लगा है, जैसे बैंक खाता खोलने, सिम खरीदने या किसी बड़े लेनदेन के दौरान। लेकिन हाल ही में सामने आया कि कुछ कंपनियां, खासकर fintech (वित्तीय तकनीकी) और consumer tech (उपभोक्ता तकनीकी) क्षेत्र की, बिना आपकी सहमति के आपके PAN Card का दुरुपयोग कर रही थीं। सरकार ने अब इस पर सख्ती दिखाई है और नए नियम बनाए हैं ताकि आपका डेटा सुरक्षित रहे।
क्या कर रही थीं ये कंपनियां?
कई बार आपने देखा होगा कि आपके Whatsapp या SMS में क्रेडिट कार्ड, लोन ऑफर्स और अन्य वित्तीय ऑफर्स के संदेश आते रहते हैं, जबकि आपने इनकी मांग नहीं की होती। ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कुछ कंपनियां आपके PAN Card के विवरण के माध्यम से आपकी निजी वित्तीय जानकारी हासिल कर लेती हैं। इसे “PAN Enrichment” कहा जाता है। इसमें आपके नाम, पता, फ़ोन नंबर और क्रेडिट स्कोर जैसी जानकारी जुटाई जाती है और इसके लिए आपकी सहमति नहीं ली जाती थी।
बिना सहमति के नहीं हो सकेगा PAN Card का उपयोग
Digital Personal Data Protection Act, 2023 के तहत सरकार ने इस प्रकार के दुरुपयोग को रोकने के लिए नए नियम बनाए हैं। अब Indian Cyber Crime Coordination Centre (I4C) ने निर्देश जारी किए हैं, जिससे कंपनियों को आपके PAN Card डेटा के अनधिकृत उपयोग से पहले आपकी अनुमति लेनी होगी।
नए नियम के अनुसार:
- आपकी सहमति अनिवार्य होगी: अब किसी भी कंपनी को PAN Card के डेटा का उपयोग करने से पहले आपकी अनुमति लेनी होगी।
- डेटा की गोपनीयता सुनिश्चित होगी: यदि आप मना करते हैं, तो कंपनियों को आपकी क्रेडिट हिस्ट्री या अन्य निजी जानकारी तक पहुँचने का अधिकार नहीं मिलेगा।
- पारदर्शिता: कंपनियों को अब आपको स्पष्ट रूप से बताना होगा कि वे आपके डेटा का उपयोग कैसे करेंगे।
आपके लिए क्या फायदे हैं?
इस नए नियम से आपकी गोपनीयता और डेटा की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। अब कंपनियों को बिना अनुमति के आपके PAN Card की जानकारी का उपयोग करने की अनुमति नहीं होगी। इसका मतलब है कि अनचाहे ऑफर्स या लोन से जुड़े संदेश कम मिलेंगे।
सरकार का यह कदम यह दर्शाता है कि वह नागरिकों की प्राइवेसी को प्राथमिकता देती है और बिना सहमति के डेटा एक्सेस को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है।