मरने के बाद भी हो सकती है पहचान की चोरी! अब तुरंत ऐसे रद्द करें PAN, Aadhaar और Voter ID

क्या आप जानते हैं कि किसी की मृत्यु के बाद भी उसका PAN, Aadhaar और Voter ID अगर रद्द न किया जाए तो उसकी पहचान का गलत उपयोग हो सकता है? बैंक फ्रॉड से लेकर फर्जी ट्रांजैक्शन तक का खतरा बना रहता है! जानिए इस लेख में पूरी प्रक्रिया और ऐसे करें पहचान को सुरक्षित – एक ज़िम्मेदार नागरिक की तरह।

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By Nishant
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मौत के बाद ऐसे रद्द करें PAN, Aadhaar, Voter ID!

PAN कार्ड आम तौर पर आयकर विभाग-Income Tax Department के रिकॉर्ड में तब तक सक्रिय रहता है जब तक उसे औपचारिक रूप से रद्द नहीं किया जाता। मृतक व्यक्ति के नाम पर अगर PAN सक्रिय रह जाए तो उसका उपयोग फर्जी बैंक खाता खोलने, लेनदेन करने या किसी अन्य वित्तीय कार्य के लिए हो सकता है। इस वजह से, उत्तराधिकारी या कानूनी वारिस को आयकर विभाग के संबंधित मूल्यांकन अधिकारी को आवेदन देकर PAN रद्द करवाना चाहिए।

इसके लिए मृत्यु प्रमाण पत्र, मृतक का PAN नंबर और उत्तराधिकारी का प्रमाण संलग्न किया जाता है। यह प्रक्रिया पूरी तरह ऑफलाइन होती है लेकिन बेहद आवश्यक है ताकि किसी भी तरह की कानूनी या वित्तीय परेशानी से बचा जा सके।

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Aadhaar कार्ड का दुरुपयोग कैसे रोके

Aadhaar कार्ड को लेकर स्थिति थोड़ी अलग है। वर्तमान में UIDAI ने कोई औपचारिक प्रक्रिया जारी नहीं की है जिससे किसी मृतक व्यक्ति का आधार नंबर रद्द किया जा सके। हालांकि, सुरक्षा बढ़ाने के लिए UIDAI द्वारा दिया गया बायोमेट्रिक लॉक विकल्प जरूर उपलब्ध है, जिससे आधार की फिंगरप्रिंट और आईरिस स्कैन जैसी जानकारियों को लॉक किया जा सकता है। यह फीचर ऑनलाइन पोर्टल पर मौजूद है और मृतक के परिवार के लोग इसे घर बैठे ही लॉक कर सकते हैं। आधार की गैर-रद्द प्रक्रिया हालांकि एक कमी है, लेकिन बायोमेट्रिक लॉक करके उस आधार नंबर के किसी भी तरह के दुरुपयोग से काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।

Voter ID कैसे करें निष्क्रिय

Voter ID का रद्दकरण अपेक्षाकृत सरल है क्योंकि चुनाव आयोग ने इस प्रक्रिया को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध कराया है। किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए फॉर्म 7 भरना होता है जिसमें मृत्यु प्रमाण पत्र की प्रति लगानी होती है। यह फॉर्म स्थानीय निर्वाचन कार्यालय में जमा किया जा सकता है या राष्ट्रीय मतदाता सेवा पोर्टल पर ऑनलाइन सबमिट किया जा सकता है। नाम हटाए जाने के बाद, वह वोटर ID निष्क्रिय हो जाता है और किसी भी फर्जी मतदान या पहचान के उपयोग की संभावना समाप्त हो जाती है।

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मृतक की पहचान सुरक्षित करना क्यों है आवश्यक

इस पूरे विषय को व्यापक दृष्टिकोण से देखें तो यह स्पष्ट हो जाता है कि किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उनकी पहचान को सुरक्षित करना केवल नैतिक जिम्मेदारी नहीं बल्कि कानूनी और सामाजिक दृष्टि से भी अनिवार्य है। PAN, Aadhaar और Voter ID जैसे दस्तावेज़ अगर सक्रिय रह जाते हैं तो उनका दुरुपयोग न केवल परिवार के लिए संकट ला सकता है बल्कि सरकारी व्यवस्था पर भी सवाल खड़े कर सकता है।

रद्दीकरण की प्रक्रिया में नागरिक की भूमिका

नागरिकों को चाहिए कि जैसे ही परिवार में किसी सदस्य का निधन होता है, वे इन दस्तावेजों के रद्दीकरण की प्रक्रिया शुरू करें। जहां PAN के लिए औपचारिक आवेदन और दस्तावेज़ों की जरूरत होती है, वहीं Aadhaar के लिए बायोमेट्रिक लॉक करना ही सबसे कारगर उपाय है। Voter ID का रद्दीकरण सबसे सरल और तेजी से होने वाली प्रक्रिया है जो अब डिजिटल माध्यम से और भी सुगम हो गई है।

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