UIDAI ने दिए दो आधार कार्ड! इसको किया इस्तेमाल तो फ्रॉड से रहेंगे सेफ!

UIDAI ने आधार कार्ड को सुरक्षित बनाने के लिए कई नई सुविधाएँ पेश की हैं, जिनमें मास्क्ड आधार कार्ड, वर्चुअल आईडी और बायोमेट्रिक डेटा लॉकिंग शामिल हैं। ये उपाय फ्रॉड से बचाव में मदद कर सकते हैं। जानिए कैसे इन सुविधाओं का सही तरीके से इस्तेमाल कर आप अपने आधार कार्ड को सुरक्षित रख सकते हैं।

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By Nishant
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UIDAI ने दिए दो आधार कार्ड! इसको किया इस्तेमाल तो फ्रॉड से रहेंगे सेफ!

आधार कार्ड अब केवल एक पहचान पत्र नहीं, बल्कि वित्तीय और सरकारी सेवाओं का एक महत्वपूर्ण साधन बन गया है। लेकिन इसके बढ़ते उपयोग के साथ ही फ्रॉड के मामले भी तेजी से बढ़े हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने कुछ नई सुविधाएँ जारी की हैं, जिससे आधार कार्ड धारकों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इनमें मास्क्ड आधार और वर्चुअल आईडी (VID) जैसी सुविधाएँ शामिल हैं, जो आपकी निजी जानकारी को गोपनीय रखने और साइबर फ्रॉड से बचाव में मदद करती हैं।

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मास्क्ड आधार कार्ड से सुरक्षा

UIDAI ने मास्क्ड आधार कार्ड की सुविधा प्रदान की है, जिससे आपका आधार नंबर पूरी तरह सुरक्षित रहता है। इस कार्ड में आपके 12 अंकों के आधार नंबर के केवल अंतिम चार अंक ही दिखाई देते हैं, जबकि बाकी अंक छिपा दिए जाते हैं। यह सुविधा उन मामलों में विशेष रूप से उपयोगी है, जहाँ पहचान की जरूरत होती है, लेकिन आधार नंबर का पूरा खुलासा करना आवश्यक नहीं होता। इसे UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है। मास्क्ड आधार कार्ड आपके बैंकिंग, टेलीफोन वेरिफिकेशन और अन्य सेवाओं में इस्तेमाल किया जा सकता है, जिससे डेटा लीक होने का खतरा कम हो जाता है।

बायोमेट्रिक डेटा को लॉक करने का विकल्प

आजकल कई धोखाधड़ी के मामले बायोमेट्रिक डेटा चोरी होने के कारण होते हैं। इसे रोकने के लिए UIDAI ने आधार धारकों को अपने बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन) को लॉक और अनलॉक करने का विकल्प दिया है। जब यह लॉक होता है, तो कोई भी अनधिकृत व्यक्ति इसका उपयोग नहीं कर सकता। इसे अनलॉक करने के लिए आपको UIDAI की वेबसाइट या mAadhaar ऐप का उपयोग करना होगा। यह सुविधा विशेष रूप से ऑनलाइन सेवाओं और बैंकिंग ट्रांजेक्शंस को सुरक्षित बनाने के लिए उपयोगी है।

वर्चुअल आईडी (VID) का महत्व

UIDAI ने एक और महत्वपूर्ण फीचर पेश किया है, जिसे वर्चुअल आईडी (VID) कहा जाता है। यह एक 16 अंकों का अस्थायी नंबर होता है, जिसे आधार नंबर की जगह इस्तेमाल किया जा सकता है। VID के माध्यम से आपकी असली आधार जानकारी सुरक्षित रहती है, क्योंकि इससे आपके वास्तविक आधार नंबर का खुलासा नहीं होता। यह सुविधा उन सेवाओं के लिए बेहद उपयोगी है, जहाँ आधार का वेरिफिकेशन जरूरी होता है, लेकिन पूरी जानकारी साझा करना आवश्यक नहीं होता। इसे UIDAI की वेबसाइट से जनरेट और अपडेट किया जा सकता है।

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आधार से जुड़ी गतिविधियों की निगरानी जरूरी

कई बार आधार से जुड़े फ्रॉड्स इसलिए होते हैं क्योंकि लोग अपनी आधार गतिविधियों पर नजर नहीं रखते। UIDAI ने इस समस्या के समाधान के लिए एक विशेष सुविधा दी है, जिससे आप यह देख सकते हैं कि आपका आधार नंबर कहां और कब इस्तेमाल किया गया है। UIDAI की वेबसाइट पर जाकर आप अपनी आधार हिस्ट्री चेक कर सकते हैं और यदि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत रिपोर्ट कर सकते हैं।

सार्वजनिक जगहों पर आधार नंबर साझा करने से बचें

UIDAI बार-बार यह चेतावनी देता है कि सार्वजनिक जगहों या सोशल मीडिया पर अपना आधार नंबर साझा न करें। कई मामलों में देखा गया है कि लोग बिना सोचे-समझे अपने आधार की कॉपी अन्य व्यक्तियों या अनजाने स्रोतों को दे देते हैं, जिससे डेटा चोरी और फ्रॉड की संभावना बढ़ जाती है। यदि आपको कहीं पहचान पत्र दिखाने की जरूरत हो, तो मास्क्ड आधार कार्ड का उपयोग करें।

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