What Happens to Pan And Aadhaar After Death: पैन कार्ड और आधार कार्ड आज के समय में बेहद जरूरी डॉक्यूमेंट्स हैं। चाहे सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो, बैंक से जुड़े कार्य निपटाने हों, या बच्चे का स्कूल में एडमिशन कराना हो, ये दस्तावेज हर कदम पर महत्वपूर्ण हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि मृत्यु के बाद इन दस्तावेजों का क्या होता है? आइए जानते हैं इस विषय में विस्तार से।
मृत्यु के बाद पैन कार्ड का क्या करें?
पैन कार्ड (Permanent Account Number) में 10 अंकों का अल्फान्यूमेरिक कोड होता है, जिसे इनकम टैक्स विभाग द्वारा जारी किया जाता है। यह किसी भी वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए आवश्यक होता है। एक व्यक्ति का पैन कार्ड हमेशा यूनिक होता है और इसे दोबारा जारी नहीं किया जा सकता।
लेकिन, मृत्यु के बाद भी यह कार्ड सक्रिय रहता है, जिससे इसके दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि मृतक के पैन कार्ड को इनकम टैक्स विभाग में सरेंडर कर दिया जाए।
पैन कार्ड सरेंडर करने की प्रक्रिया
ऑनलाइन प्रक्रिया
- सबसे पहले इनकम टैक्स विभाग की ऑनलाइन पोर्टल पर जाएं।
- फॉर्म भरते समय वर्तमान में उपयोग किए जा रहे पैन कार्ड की जानकारी दर्ज करें।
- पैन परिवर्तन अनुरोध आवेदन पत्र सबमिट करें और आवश्यक दस्तावेज, जैसे पैन कार्ड की कॉपी, संलग्न करें।
ऑफलाइन प्रक्रिया
- फॉर्म 49A भरें और उसमें सरेंडर किए जाने वाले पैन नंबर का उल्लेख करें।
- इस फॉर्म को UTI या NSDL टिन सुविधा केंद्र में जमा करें।
- इसके बाद, अपने अधिकार क्षेत्र के निर्धारण अधिकारी को एक पत्र लिखें, जिसमें व्यक्तिगत विवरण (जैसे नाम और जन्म तिथि) शामिल करें।
- केंद्र से प्राप्त प्रति के साथ पैन कार्ड जमा कर दें।
मृत्यु के बाद आधार कार्ड का क्या होता है?
आधार कार्ड (Aadhaar) को भारत में सबसे विश्वसनीय पहचान पत्र माना जाता है। मृत्यु के बाद भी आधार कार्ड सक्रिय रहता है, जिससे इसका दुरुपयोग संभव है। इसलिए, इसे लॉक कराना बेहद जरूरी है।
आधार कार्ड को लॉक करने की प्रक्रिया
- UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं और अपनी भाषा का चयन करें।
- आधार सर्विसेस के विकल्प से “लॉक बॉयोमेट्रिक्स” का चयन करें।
- यहां से आधार कार्ड लॉक करने के स्टेप्स मिल जाएंगे।
- वर्चुअल आईडी (Virtual ID) जेनरेट करें। इसके लिए आधार नंबर और कैप्चा भरें, फिर जेनरेट पर क्लिक करें।
- आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर एक OTP आएगा। इसे भरें और वर्चुअल आईडी जेनरेट करें।
- इसके बाद, आधार लॉक करने वाले पेज पर जाकर आवश्यक जानकारी भरें और “लॉक” विकल्प पर क्लिक करें।
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क्यों है पैन और आधार को सरेंडर या लॉक करना जरूरी?
मृत्यु के बाद भी पैन और आधार कार्ड सक्रिय रहते हैं, जिससे इनका गलत इस्तेमाल होने की संभावना बनी रहती है। अगर इन दस्तावेजों को समय पर बंद नहीं किया गया तो यह वित्तीय धोखाधड़ी और पहचान की चोरी जैसी समस्याओं को जन्म दे सकता है।
सरकार द्वारा जारी नियमों के अनुसार, मृत्यु के बाद इन दस्तावेजों को निष्क्रिय करना न केवल कानूनी दायित्व है, बल्कि यह परिवार को अनावश्यक परेशानियों से भी बचाता है।
मृत्यु के बाद पैन-आधार सम्हाले
मृत्यु के बाद पैन और आधार कार्ड जैसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों का सही प्रबंधन करना बेहद जरूरी है। इससे न केवल धोखाधड़ी की घटनाओं को रोका जा सकता है बल्कि कानूनी समस्याओं से भी बचा जा सकता है। इन प्रक्रियाओं को समझकर और समय पर लागू करके आप अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं।