
Aadhaar कार्ड भारतीय नागरिकों की पहचान का सबसे प्रमुख दस्तावेज़ बन चुका है, लेकिन यदि इसमें आपके नाम में कोई गलती है, तो अब उसे सुधारना पहले जितना आसान नहीं रहा। UIDAI (Unique Identification Authority of India) ने नाम सुधार की प्रक्रिया को और सख्त बना दिया है, जिससे लाखों लोगों को नाम सुधार करवाने से पहले कई नए नियमों और दस्तावेज़ों की जानकारी रखना जरूरी हो गया है।
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अब नाम सुधार के लिए जरूरी हुआ Gazette Notification
UIDAI के 2024-25 में लागू नए दिशानिर्देशों के अनुसार, Aadhaar में नाम सुधार — चाहे वो एक अक्षर का हो या पूरा नाम बदलने से जुड़ा हो — अब सिर्फ सामान्य दस्तावेज़ों से नहीं किया जा सकता। अब इसके लिए सरकारी गजट अधिसूचना (Gazette Notification) अनिवार्य कर दी गई है। इससे पहले जन्म प्रमाण पत्र, वोटर ID, या पासपोर्ट जैसे दस्तावेज़ पर्याप्त माने जाते थे, लेकिन अब गजट दस्तावेज़ के बिना आवेदन स्वीकार नहीं किया जाएगा।
दस्तावेज़ों की सख्ती और प्रक्रिया में बदलाव
UIDAI के इस कदम का मकसद फर्जी पहचान और आधार से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों को रोकना है। नई प्रक्रिया के तहत, नाम में बदलाव के लिए अब आवेदक को न केवल Gazette Notification पेश करनी होगी, बल्कि इसके साथ पहचान प्रमाण (Proof of Identity), निवास प्रमाण (Proof of Address), और यदि नाम बदलाव किसी वैवाहिक या कानूनी स्थिति के कारण हुआ हो, तो उससे संबंधित प्रमाणपत्र भी देने होंगे।
उदाहरण के लिए, शादी के बाद नाम बदलने पर विवाह प्रमाणपत्र, तलाक के बाद नाम परिवर्तन पर कोर्ट की डिक्री और किसी भी अन्य कानूनी कारण के लिए न्यायालय आदेश की आवश्यकता होगी।
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नाम सुधार के प्रयासों की सीमा
UIDAI के नियमों के तहत कोई भी व्यक्ति अपने Aadhaar कार्ड में नाम केवल दो बार ही सुधार सकता है। तीसरी बार नाम में बदलाव के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है, और इसके लिए अतिरिक्त कानूनी दस्तावेज़ और कारण बताना आवश्यक हो जाता है। यह नियम यह सुनिश्चित करता है कि लोग बार-बार अपनी पहचान में बदलाव न करें और Aadhaar की साख बनी रहे।
सुधार की प्रक्रिया और शुल्क की जानकारी
नाम सुधार के लिए आपको अपने नजदीकी Aadhaar सेवा केंद्र जाना होगा। वहां आपको Gazette Notification और अन्य दस्तावेज़ों को प्रस्तुत करना होगा। इस प्रक्रिया के लिए ₹50 का शुल्क निर्धारित किया गया है। आवेदन देने के बाद आपको एक URN (Update Request Number) प्राप्त होता है, जिसकी सहायता से आप अपने आवेदन की स्थिति ऑनलाइन ट्रैक कर सकते हैं।
जानकारी अद्यतन करना क्यों है ज़रूरी
UIDAI यह सिफारिश करता है कि सभी नागरिक हर 10 वर्षों में अपने Aadhaar विवरणों की समीक्षा करें और उन्हें अपडेट करें। ऐसा करना न केवल आपकी पहचान की सटीकता बनाए रखता है, बल्कि किसी भी सरकारी योजना या सुविधा के समय दस्तावेज़ की वैधता को सुनिश्चित करता है। गलत जानकारी देना आधार अधिनियम, 2016 के तहत अपराध है, जिसमें तीन साल तक की जेल या ₹10,000 तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।
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