Children Aadhaar Card Process: बच्चों का आधार कार्ड बनवाना भी जरूरी, जान लीजिए इसका पूरा प्रोसेस

चाहे स्कूल एडमिशन हो या सरकारी योजना का लाभ, बच्चों का आधार कार्ड बनाना अब बेहद आसान हो गया है! जानिए कैसे सही दस्तावेज़ों के साथ मिनटों में करें आवेदन और सुरक्षित करें अपने बच्चे का भविष्य।

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By Nishant
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Children Aadhaar Card Process: बच्चों का आधार कार्ड बनवाना भी जरूरी, जान लीजिए इसका पूरा प्रोसेस

बच्चों का आधार कार्ड (Baal Aadhaar Card) बनवाना आज के समय में बेहद आवश्यक हो गया है। चाहे सरकारी योजनाओं का लाभ लेना हो, स्कूलों में दाखिला कराना हो या भविष्य में किसी भी पहचान दस्तावेज के रूप में उपयोग करना हो, बच्चों के लिए आधार कार्ड की जरूरत हर जगह महसूस की जा रही है। UIDAI ने बच्चों के लिए आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया को बेहद आसान और सुविधाजनक बना दिया है, जिससे अभिभावकों को अब लंबे इंतजार की जरूरत नहीं होती।

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बच्चों के आधार कार्ड के लिए आवेदन कैसे करें

बच्चों का आधार कार्ड बनवाने के लिए सबसे पहले नजदीकी आधार नामांकन केंद्र पर जाना आवश्यक होता है। UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर नजदीकी केंद्र का पता किया जा सकता है। केंद्र पर पहुंचने के बाद आपको आवेदन फॉर्म भरना होगा जिसमें बच्चे की व्यक्तिगत जानकारी जैसे नाम, जन्मतिथि, पता और लिंग का उल्लेख किया जाता है। इसके साथ ही अभिभावक के आधार कार्ड की जानकारी भी देनी होती है।

5 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए बाल आधार

5 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए विशेष “बाल आधार” कार्ड जारी किया जाता है, जो नीले रंग का होता है। इस उम्र के बच्चों से बायोमेट्रिक डेटा नहीं लिया जाता, केवल बच्चे की फोटो अपलोड की जाती है। बाल आधार में माता-पिता में से किसी एक के आधार नंबर से लिंकिंग की जाती है। जन्म प्रमाणपत्र या अस्पताल से जारी डिस्चार्ज स्लिप दस्तावेज के रूप में मान्य होते हैं। यह कार्ड भविष्य में बायोमेट्रिक अपडेट के लिए आधार बनता है।

5 से 15 साल तक के बच्चों के लिए आधार नामांकन प्रक्रिया

जब बच्चा 5 साल की उम्र पार कर लेता है, तो उसके आधार डेटा में बायोमेट्रिक अपडेट करना जरूरी हो जाता है। इसमें बच्चे के फिंगरप्रिंट, दोनों आंखों की आइरिस स्कैन और ताजगी भरी फोटो ली जाती है। इसके लिए अभिभावक का साथ होना आवश्यक होता है। स्कूल से प्राप्त बोनाफाइड सर्टिफिकेट या स्कूल आईडी पहचान प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किए जा सकते हैं। इस अपडेट के बाद बच्चे के आधार कार्ड में उसकी वास्तविक पहचान दर्ज हो जाती है।

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15 वर्ष की आयु के बाद अनिवार्य आधार अपडेट

जब बच्चा 15 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है, तब एक बार फिर बायोमेट्रिक जानकारी का अद्यतन आवश्यक हो जाता है। यह प्रक्रिया इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि किशोर अवस्था में बायोमेट्रिक पहचान जैसे फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन में परिवर्तन हो सकता है। इस अद्यतन से आधार कार्ड की प्रमाणिकता और भी मजबूत हो जाती है, जो भविष्य में पासपोर्ट आवेदन, सरकारी सेवाओं और बैंकिंग आवश्यकताओं के लिए मददगार सिद्ध होती है।

बच्चों के आधार कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेज

बच्चों के आधार कार्ड के लिए मुख्य रूप से बच्चे का जन्म प्रमाणपत्र, अस्पताल द्वारा जारी डिस्चार्ज प्रमाणपत्र या सरकारी रजिस्टर से जन्म विवरण जरूरी होता है। माता या पिता में से किसी एक का आधार कार्ड भी आवश्यक होता है। यदि बच्चे के पास स्कूल आईडी कार्ड उपलब्ध है तो उसे भी पहचान प्रमाण के रूप में प्रस्तुत किया जा सकता है। सभी दस्तावेजों की मूल प्रतियों को सत्यापन के समय दिखाना अनिवार्य होता है।

शुल्क और समयसीमा की जानकारी

बच्चों के आधार नामांकन के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाता। यदि आप आधार कार्ड में सुधार या बायोमेट्रिक अपडेट कराते हैं, तो मामूली शुल्क लिया जा सकता है। नामांकन प्रक्रिया के बाद आमतौर पर 60 से 90 दिनों के भीतर आधार कार्ड पंजीकृत पते पर भेज दिया जाता है। इस बीच, UIDAI की वेबसाइट पर जाकर नामांकन की स्थिति को ट्रैक भी किया जा सकता है।

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