
क्या आपको पता है कि अब बच्चों के लिए भी अलग आधार कार्ड (Aadhaar Card) बनाया जा सकता है? सरकार ने इस दिशा में बेहद सरल और सुलभ प्रक्रिया तय की है ताकि हर बच्चे को डिजिटल पहचान मिल सके। यह न सिर्फ सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने में मदद करता है, बल्कि स्कूल प्रवेश से लेकर हेल्थकेयर सेवाओं तक, हर क्षेत्र में एक वैध पहचान प्रमाण के रूप में कार्य करता है। खास बात यह है कि यह कार्ड शून्य शुल्क पर उपलब्ध है और जन्म के कुछ ही दिनों बाद बनाया जा सकता है।
यह भी देखें: आधार में नंबर अपडेट नहीं किया तो पड़ सकता है भारी! अभी जानें आसान तरीका
5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बाल आधार कार्ड की प्रक्रिया
यदि बच्चा 5 साल से कम उम्र का है, तो उसके लिए अलग प्रक्रिया अपनाई जाती है। इस आयु वर्ग में बायोमेट्रिक विवरण (Biometric Data) जैसे फिंगरप्रिंट या आई स्कैन नहीं लिया जाता, बल्कि केवल बच्चे की तस्वीर ली जाती है। माता-पिता में से किसी एक का आधार नंबर अनिवार्य रूप से दिया जाना होता है, जिससे बच्चे के आधार कार्ड को उस माता-पिता के कार्ड से लिंक किया जाता है। दस्तावेज़ के तौर पर जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता का आधार कार्ड आवश्यक होता है। आधार नामांकन केंद्र पर जाकर यह प्रक्रिया 10 से 15 मिनट में पूरी हो जाती है और कार्ड कुछ ही हफ्तों में पते पर भेज दिया जाता है।
5 से 15 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आधार नामांकन
जब बच्चा 5 साल से ऊपर हो जाता है, तो उसके बायोमेट्रिक डेटा भी लिए जाते हैं। फिंगरप्रिंट, आईरिस स्कैन और एक नई फोटो इस चरण का हिस्सा होते हैं। यदि पहले आधार बन चुका है, तो यह केवल एक अपडेट की प्रक्रिया होगी, जिसमें पुराना यूआईडी नंबर बरकरार रहेगा और बायोमेट्रिक विवरण जोड़ दिए जाएंगे। दस्तावेजों में स्कूल आईडी, बोनाफाइड सर्टिफिकेट या जन्म प्रमाण पत्र के साथ माता-पिता के आधार की आवश्यकता होती है। यह अपडेट भी पूरी तरह निशुल्क होता है और भविष्य में पहचान संबंधी जटिलताओं से बचाता है।
यह भी देखें: आधार लॉक कर दो अभी! एक क्लिक से होगी सुरक्षा पक्की, कोई नहीं कर पाएगा मिसयूज
15 वर्ष की आयु पर बायोमेट्रिक अपडेट अनिवार्य
आधार सिस्टम की विशेष बात यह है कि यह बच्चों की उम्र के अनुसार डेटा को अद्यतन करने की अनुमति देता है। जब बच्चा 15 वर्ष का हो जाता है, तो उसका अंतिम बायोमेट्रिक अपडेट अनिवार्य होता है। यह इसलिए आवश्यक है क्योंकि इस उम्र में शारीरिक परिवर्तन होते हैं, जिससे फिंगरप्रिंट और अन्य बायोमेट्रिक विवरण भी बदल सकते हैं। अपडेट के लिए नजदीकी आधार सेवा केंद्र पर जाकर प्रक्रिया पूरी की जा सकती है।
बाल आधार कार्ड के लाभ और उपयोगिता
बाल आधार कार्ड केवल एक पहचान पत्र नहीं है, बल्कि यह बच्चों के जीवन की कई प्रक्रियाओं को आसान बनाता है। स्कूलों में प्रवेश के समय दस्तावेज़ के रूप में इसकी मान्यता है। सरकारी योजनाएं जैसे कि Scholarships, Mid-Day Meal और स्वास्थ्य बीमा योजनाओं का लाभ लेने के लिए यह कार्ड जरूरी होता जा रहा है। साथ ही, यह बच्चों के बैंक खाता खोलने या बीमा योजनाओं में नामांकन के लिए भी उपयोगी है। यात्री पहचान के रूप में भी यह कार्ड वैध है।
यह भी देखें: PAN Card बंद होने के बाद भी चल रहे हैं ये 9 काम! आप भी चौंक जाएंगे लिस्ट देखकर