
झारखंड राज्य की बड़ी अपडेट कि अब आधार कार्ड (Aadhar Card) को बर्थ सर्टिफिकेट के वेलीड डॉक्युमेंट्स मान्यता नहीं दी जाएगी, साथ ही इस राज्य के सूचना एंव प्रौद्योगिकी विभाग और ई-गवर्नेंस विभाग की ओर से साफ रूप से कहा की सभी जिलों के कार्यालय प्रमुख को जारी किए गए हैं। इसके अलावा पलामू जिले से प्राप्त जानकारी के हिसाब से यह निर्देश भारतीय विशिष्ट पहचान अधिकारी (UIDAI) के क्षेत्रीय कार्यालय रांची से प्राप्त पत्र के आधार पर जारी किए गए है। साथ ही यह बताया गया है की Aadhar Card मे लिखी गई जन्म तिथि सिर्फ एक विवरण भर है, और इसे जन्म प्रमाण पत्र के रूप मे वेलीड नहीं माना जाएगा।
झारखंड सरकार ने क्यों लिया यह निर्णय जानें पूरी वजह
झारखंड सरकार ने यह कदम नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता और दस्तावेज़ों की वैधता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि आधार कार्ड को पहचान प्रमाण के रूप में जारी किया जाता है। इसमें दी गई जन्म तिथि को केवल पहचान का हिस्सा माना जाता है, न कि जन्म प्रमाण का। आधार कार्ड किसी व्यक्ति की जन्म तिथि को प्रमाणित करने वाला दस्तावेज नहीं है, इसलिए इसे जन्म प्रमाण पत्र की तरह मान्यता नहीं दी जा सकती।
कार्यालयों को मिला सख्त निर्देश
झारखंड के सभी जिला कार्यालयों, नगर निकायों और अन्य सरकारी संस्थानों को आदेश दिया गया है कि आधार कार्ड को किसी भी परिस्थिति में जन्म प्रमाण पत्र के रूप में स्वीकार न किया जाए। यह निर्देश सभी विभागों में लागू रहेगा, चाहे वह शिक्षा विभाग हो, स्वास्थ्य विभाग हो या अन्य कोई सेवा। राज्य सरकार यह सुनिश्चित करना चाहती है कि जन्म तिथि प्रमाणन के लिए केवल अधिकृत और वैध दस्तावेजों का ही उपयोग हो।
अब डॉक्यूमेटस को लेकर रहना पड़ेगा अलर्ट
इस निर्णय के बाद अब नागरिकों को किसी भी सरकारी प्रक्रिया में जन्म प्रमाण पत्र, स्कूल प्रमाण पत्र या अन्य अधिकृत दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। सरकार का यह मानना है कि केवल आधार कार्ड पर आधारित जन्म तिथि की जानकारी से दस्तावेज़ी प्रक्रिया में गड़बड़ी की संभावना बनी रहती है। इससे कई बार नागरिक सेवाओं का दुरुपयोग भी हो सकता है। सरकार की यह कोशिश है कि सभी प्रमाण पत्र और दस्तावेज पूरी तरह प्रामाणिक हों ताकि नागरिक सेवाओं में पारदर्शिता बनी रहे।
आधार सिर्फ पहचान का होगा प्रमाण
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) बार-बार यह स्पष्ट करता आया है कि आधार कार्ड को केवल पहचान प्रमाण (Identity Proof) के रूप में जारी किया जाता है। चाहे वह बैंक खाता खुलवाना हो, सिम कार्ड लेना हो या किसी सरकारी योजना का लाभ उठाना हो, आधार कार्ड को केवल पहचान के रूप में ही स्वीकार किया जाएगा। जन्म प्रमाण (Birth Certificate) या जन्म तिथि प्रमाण (Date of Birth Proof) के रूप में इसकी कोई मान्यता नहीं है।
निर्देश तोड़ने पर कारवाई होगी
सरकार ने साफ कर दिया है कि यदि कोई कार्यालय इन निर्देशों की अवहेलना करता पाया गया, तो उस पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। सभी कार्यालय प्रमुखों को इस आशय का पत्र भेजकर निर्देशित कर दिया गया है। सभी कार्यालयों से अपेक्षा की गई है कि वे किसी भी नागरिक से जन्म प्रमाण पत्र या अन्य वैध दस्तावेज मांगें और आधार कार्ड को इस उद्देश्य से पूरी तरह अलग रखें।
सेवाओं को साफ-सुथरा बनाने की कोशिश
झारखंड सरकार का यह निर्णय राज्य में नागरिक सेवाओं को अधिक पारदर्शी और भरोसेमंद बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सरकार का उद्देश्य है कि सभी प्रमाण पत्रों की वैधता को लेकर कोई संदेह न रहे और सभी सरकारी प्रक्रियाएं तय मानकों पर आधारित हों। इससे झारखंड राज्य में विभिन्न सेवाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, पेंशन योजना, सरकारी नौकरी आदि में प्रमाण पत्रों की जांच और सत्यापन की प्रक्रिया को और मजबूत किया जाएगा।