
आधार वर्चुअल आईडी (VID) एक अत्याधुनिक सुरक्षा सुविधा है, जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) द्वारा विकसित किया गया है। यह 16-अंकीय अस्थायी और पुनः उत्पन्न की जा सकने वाली संख्या होती है, जो सीधे आपके आधार नंबर से लिंक होती है। इसका मुख्य उद्देश्य आपकी आधार संख्या की गोपनीयता को सुरक्षित रखते हुए प्रमाणीकरण की सुविधा देना है, जिससे आप बिना आधार संख्या साझा किए विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
आधार VID की कार्यप्रणाली और लाभ
जब बात डिजिटल पहचान की आती है, तो सबसे पहली चिंता गोपनीयता और डेटा की सुरक्षा की होती है। VID इस चिंता का समाधान प्रदान करता है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप अपनी आधार संख्या सार्वजनिक किए बिना भी विभिन्न सेवाओं का प्रमाणीकरण करा सकते हैं। यह सुविधा आपको बार-बार एक नई VID जनरेट करने की आज़ादी भी देती है, जिससे हर बार नया और सुरक्षित प्रमाणीकरण संभव होता है।
VID का उपयोग सीमित KYC के लिए भी किया जा सकता है। सीमित KYC से तात्पर्य है कि सेवा प्रदाता केवल उतनी ही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, जितनी किसी विशेष सेवा के लिए जरूरी है। इस तरह, आपकी संवेदनशील जानकारी सुरक्षित रहती है और अनावश्यक डेटा साझा नहीं होता।
VID जनरेट करने की प्रक्रिया
VID जनरेट करना एक सरल और त्वरित प्रक्रिया है जिसे UIDAI की आधिकारिक वेबसाइट या mAadhaar ऐप के माध्यम से पूरा किया जा सकता है। UIDAI की वेबसाइट पर जाकर “Virtual ID (VID) Generator” विकल्प चुनें, फिर अपना 12-अंकीय आधार नंबर और सुरक्षा कोड भरें। इसके बाद आपके पंजीकृत मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा, जिसे सत्यापित कर आप VID प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप वेबसाइट का उपयोग नहीं करना चाहते, तो SMS के माध्यम से भी VID जनरेट किया जा सकता है। इसके लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से “GVID आधार-नंबर-के-अंतिम-4-अंक” लिखकर 1947 पर भेजें। कुछ ही क्षणों में आपकी VID मोबाइल पर भेज दी जाएगी।
VID का उपयोग कहाँ-कहाँ किया जा सकता है
आधार वर्चुअल आईडी का उपयोग कई प्रकार की सेवाओं में किया जा सकता है, जैसे बैंक खाता खोलना, बीमा पॉलिसी लेना, पासपोर्ट आवेदन करना, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना, और ई-केवाईसी प्रक्रियाएं पूरी करना। ये सभी कार्य अब पहले से अधिक सुरक्षित और गोपनीय तरीके से हो सकते हैं क्योंकि इनमें आपको अपने आधार नंबर को उजागर करने की आवश्यकता नहीं रहती।