
मृतक व्यक्ति का PAN कार्ड यदि सक्रिय बना रहता है, तो उसका गलत उपयोग होने की संभावना कई गुना बढ़ जाती है। भारत में कई मामलों में यह देखा गया है कि फर्जीवाड़ा करने वाले लोगों ने मृतक के PAN कार्ड का उपयोग कर फर्जी बैंक खाता खोला, लेन-देन किया और टैक्स चोरी जैसे मामलों को अंजाम दिया। इसलिए, यह आवश्यक है कि जैसे ही किसी परिवारजन की मृत्यु होती है, उनके PAN कार्ड को नियमानुसार रद्द करवाया जाए।
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PAN कार्ड कैंसिल करने की प्रक्रिया क्या है
मृतक का PAN कार्ड रद्द करने के लिए संबंधित व्यक्ति यानी कानूनी उत्तराधिकारी को एक आवेदन पत्र के साथ स्थानीय आयकर अधिकारी के कार्यालय में संपर्क करना होता है। इस आवेदन में मृतक का पूरा विवरण, PAN नंबर और मृत्यु प्रमाणपत्र की प्रमाणित प्रति संलग्न करनी होती है। यह प्रक्रिया अभी पूरी तरह ऑनलाइन नहीं है, इसलिए व्यक्ति को खुद या किसी प्रतिनिधि के माध्यम से आयकर कार्यालय जाकर आवेदन देना आवश्यक है। यदि मृत्यु के बाद कर रिटर्न दाखिल करना शेष है, तो कानूनी उत्तराधिकारी को पहले “Legal Heir” के रूप में रजिस्टर्ड कराना होता है।
PAN रद्द करने से पहले पूरी करें ये ज़रूरी कार्य
PAN को निष्क्रिय करने से पहले यह आवश्यक है कि मृतक व्यक्ति के नाम से जुड़े सभी वित्तीय और कर संबंधी कार्यों को पूरा कर लिया गया हो। जैसे कि आयकर रिटर्न यदि लंबित है तो उसे दाखिल किया जाए, बैंक खातों को बंद कर दिया जाए, शेयर या अन्य संपत्तियों का ट्रांसफर कर लिया जाए। ये सभी काम PAN के सक्रिय रहने के दौरान ही पूरे किए जा सकते हैं। इसीलिए बिना योजना और प्रक्रियागत सावधानी के PAN रद्द करना भविष्य में समस्याएं पैदा कर सकता है।
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टैक्सपेयर्स के लिए कानूनी ज़िम्मेदारी
कानूनी रूप से भी यदि कोई व्यक्ति मृतक के दस्तावेज़ों का प्रयोग करता है, तो यह न सिर्फ टैक्स कानूनों का उल्लंघन है बल्कि IPC के तहत दंडनीय अपराध भी है। ऐसे मामलों में संबंधित परिवारजन या उत्तराधिकारी पर भी कार्रवाई हो सकती है यदि उन्होंने समय रहते PAN को रद्द नहीं कराया हो। इसलिए, वित्तीय सुरक्षा और कानूनी जवाबदेही दोनों के दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि PAN रद्द करने की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जाए।
रजिस्ट्रेशन ऑफ लीगल हीर
यदि मृतक टैक्सपेयर था, तो आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लीगल हीर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है। इसके लिए आधार, मृतक का PAN, मृत्यु प्रमाणपत्र, उत्तराधिकारी का पहचान प्रमाण और एक शपथ पत्र आवश्यक होता है। यह रजिस्ट्रेशन अप्रूव हो जाने के बाद ही उत्तराधिकारी मृतक के नाम से रिटर्न फाइल कर सकता है या टैक्स संबंधी कोई अन्य कार्यवाही कर सकता है।
धोखाधड़ी के मामलों से बचने के लिए सख्त कदम
देशभर में हुए कई आर्थिक घोटालों की जांच में सामने आया है कि मृतक व्यक्तियों के PAN का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और अवैध निवेशों के लिए किया गया। ऐसे में यह आवश्यक है कि समाज और नागरिक PAN की गंभीरता को समझें और मृत्यु के बाद PAN को निष्क्रिय कराने को एक प्रक्रिया मानें। बैंक, शेयर बाजार और टैक्स विभाग को इस तरह की सतर्कता की जरूरत है ताकि इस संवेदनशील जानकारी का दुरुपयोग रोका जा सके।
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