पैन कार्ड, जिसे हर टैक्सपेयर के लिए अनिवार्य दस्तावेज माना जाता है, को भारत सरकार ने और सुरक्षित और आधुनिक बनाने के लिए एक नई पहल शुरू की है। हाल ही में लॉन्च किया गया पैन 2.0 प्रोजेक्ट देश में डेटा सुरक्षा और टैक्सपेयर के अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इस प्रोजेक्ट के तहत पैन कार्ड में क्यूआर कोड जोड़ा जाएगा, जिससे कार्ड की प्रामाणिकता तुरंत सत्यापित की जा सकेगी। इसके साथ ही, एक यूनिफाइड पोर्टल का प्रावधान भी किया गया है, जो टैक्स फाइलिंग और पैन से जुड़ी सेवाओं को सरल और सुरक्षित बनाएगा।
लेकिन इस पहल के साथ ही साइबर अपराधी भी सक्रिय हो गए हैं। पैन कार्ड से जुड़ी धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इन घोटालेबाजों ने नए पैन कार्ड बनवाने के नाम पर टैक्सपेयर को निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
कैसे हो रही है धोखाधड़ी?
साइबर अपराधी फर्जी ईमेल भेजकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। इन ईमेल्स में झूठा दावा किया जा रहा है कि यह आयकर विभाग से है और इसमें एक लिंक दिया जाता है जहां से ई-पैन कार्ड डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है। पीआईबी (प्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो) के फैक्ट चेक में यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसे ईमेल पूरी तरह फर्जी हैं।
लोगों को इन ईमेल्स में दिए गए लिंक पर क्लिक करने के लिए प्रेरित किया जाता है। जैसे ही उपयोगकर्ता लिंक पर क्लिक करता है, उसका बैंक अकाउंट खाली हो सकता है और उसकी पर्सनल जानकारी चोरी हो सकती है।
सुरक्षा के लिए जरूरी उपाय
- अगर आपको कोई मेल या वेबसाइट आयकर विभाग से होने का दावा करे, तो तुरंत सतर्क हो जाएं।
- ऐसे मेल्स के अटैचमेंट्स को न खोलें और दिए गए किसी भी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचें।
- कभी भी ईमेल के माध्यम से मांगी गई संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
- अगर आपको ऐसा कोई मेल प्राप्त होता है, तो इसे तुरंत आयकर विभाग की आधिकारिक ईमेल आईडी [email protected] पर रिपोर्ट करें।
पैन 2.0 कैसे बदल रहा है पैन कार्ड का अनुभव?
पैन 2.0 प्रोजेक्ट में क्यूआर कोड का इंटीग्रेशन टैक्सपेयर की पहचान को आसान और सुरक्षित बना देगा। यह क्यूआर कोड न केवल धोखाधड़ी की संभावना को कम करेगा, बल्कि इसे टैक्स फाइलिंग और अन्य वित्तीय लेनदेन के लिए एक सहज विकल्प बनाएगा। साथ ही, यूनिफाइड पोर्टल पर एक ही जगह पर सभी सेवाओं की उपलब्धता टैक्सपेयर्स के समय और प्रयास को बचाएगी।