सरकार का बड़ा फैसला! अब पुरुष कर्मचारी भी ले सकेंगे 2 साल की चाइल्ड केयर लीव – जानिए कौन होंगे पात्र

असम सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सिंगल मेल स्टेट गवर्नमेंट कर्मचारियों को चाइल्ड केयर लीव-CCL देने की घोषणा की है। दो साल की छुट्टी अब विधुर या तलाकशुदा पुरुष कर्मचारियों को भी मिल सकेगी। यह फैसला समानता और करुणा के सिद्धांत पर आधारित है। हालांकि, इसके सही उपयोग को सुनिश्चित करने की जरूरत है ताकि शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्य बाधित न हों।

nishant2
By Nishant
Published on
सरकार का बड़ा फैसला! अब पुरुष कर्मचारी भी ले सकेंगे 2 साल की चाइल्ड केयर लीव – जानिए कौन होंगे पात्र
Single Male State Govt Employees

असम सरकार ने हाल ही में एक सराहनीय और संवेदनशील निर्णय लेते हुए चाइल्ड केयर लीव-CCL की सुविधा को अब सिंगल पुरुष राज्य सरकारी कर्मचारियों (Single Male State Govt Employees) तक विस्तारित कर दिया है। अब तक यह सुविधा केवल महिला कर्मचारियों के लिए उपलब्ध थी, लेकिन संशोधित नियमों के तहत विधुर या तलाकशुदा पुरुष कर्मचारी, जिनके पास दो बच्चों (18 वर्ष तक) या किसी भी उम्र के दिव्यांग बच्चों की कस्टडी है, वे भी इस लीव के पात्र होंगे।

कितनी होगी लीव की अवधि और किन्हें मिलेगा लाभ

सरकारी अधिसूचना के अनुसार, पात्र पुरुष कर्मचारियों को अधिकतम दो वर्षों तक की चाइल्ड केयर लीव-CCL मिल सकती है। यह सुविधा उन्हीं पुरुष कर्मचारियों के लिए है जो सिंगल पैरेंट के रूप में बच्चों की देखभाल की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। महिला कर्मचारियों के लिए पहले से मौजूद दो वर्ष की लीव सुविधा में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

कार्यालयों और स्कूलों में स्टाफ की कमी को लेकर चिंता

हालांकि यह निर्णय एक मानवीय दृष्टिकोण से लिया गया है, लेकिन कुछ अधिकारियों और संगठनों ने स्टाफ की उपलब्धता को लेकर चिंता भी व्यक्त की है। चूंकि कई सरकारी दफ्तर और स्कूल पहले से ही सीमित स्टाफ पर काम कर रहे हैं, ऐसे में दो से छह महीने तक की लंबी छुट्टियाँ मंजूर करना मुश्किल हो सकता है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि, “अब जब पुरुष भी CCL के पात्र हैं, तो छुट्टियों की योजना बहुत सोच-समझकर बनानी होगी।”

कर्मचारी संगठन की प्रतिक्रिया

सदौ असम कर्मचारी परिषद के महासचिव पंकज बर्मन ने इस फैसले की सराहना करते हुए कहा, “यह फैसला पूरी तरह मानवीय आधार पर लिया गया है और ऐसे सिंगल मेल कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है। इससे स्टाफिंग पर कोई बड़ा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन छुट्टियों की मंजूरी देते समय स्टाफ की स्थिति पर ध्यान देना जरूरी होगा।”

यह भी देखें PAN Card में नाम, फोटो या DOB बदलना है? घर बैठे करें बदलाव, जानें आसान तरीका!

PAN Card में नाम, फोटो या DOB बदलना है? घर बैठे करें बदलाव, जानें आसान तरीका!

एक मिसाल कायम करने वाला निर्णय

कामरूप (मेट्रो) के एक अधिकारी ने बताया कि यह निर्णय करुणा और समझदारी से प्रेरित है। “इससे कार्यसंस्कृति पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा, बल्कि यह फैसला अन्य राज्यों और निजी क्षेत्रों को भी समान सोच अपनाने के लिए प्रेरित कर सकता है, खासकर उन सिंगल मेल शिक्षकों के लिए जो अपने बच्चों की देखभाल करते हैं।”

बोर्ड परीक्षा के दौरान छुट्टियों का गलत इस्तेमाल

हालांकि इस नई सुविधा की प्रशंसा हो रही है, पर कुछ पूर्व अधिकारियों ने इसके दुरुपयोग को लेकर चिंता भी जताई है। ऑल असम सेकेंडरी एडिशनल टीचर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष महिधर कलिता ने कहा, “यह लीव खासतौर पर बच्चों के स्वास्थ्य संबंधी ज़रूरतों के लिए है, लेकिन देखा गया है कि बोर्ड परीक्षाओं के दौरान कई कर्मचारी इस लीव का गलत इस्तेमाल करते हैं, जिससे स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो जाती है।”

यह भी देखें PAN Card: पैन कार्ड में फोटो बदलनी है जरूरी, घर बैठे करें ये काम

PAN Card: पैन कार्ड में फोटो बदलनी है जरूरी, घर बैठे करें ये काम

Leave a Comment

हमारे Whatsaap ग्रुप से जुड़ें