Aadhaar में गलती पड़ी भारी! अब गलत जानकारी देने पर होगी जेल और जुर्माना – जानिए पूरा नियम

अगर आपने आधार में जानबूझकर दिया गलत नाम या पता, तो हो जाएं सावधान – UIDAI के नियमों के तहत अब जुर्माना ही नहीं, सीधे जेल की हो सकती है सजा! जानिए पूरा नियम और कैसे करें बचाव।

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By Nishant
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Aadhaar में गलती पड़ी भारी! अब जेल और जुर्माना तय

Aadhaar कार्ड देश का सबसे अहम पहचान दस्तावेज है, जिसका उपयोग बैंकिंग, सरकारी योजनाओं, सिम कार्ड, पासपोर्ट और टैक्स फाइलिंग जैसे कामों में होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपने Aadhaar में जानबूझकर गलत जानकारी दी है, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं? Aadhaar Act 2016 के तहत अब ऐसे मामलों को आपराधिक श्रेणी में रखा गया है और इसके लिए न केवल भारी जुर्माना, बल्कि जेल तक की सजा हो सकती है।

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गलत जानकारी देना अब नहीं रहा सामान्य गलती

पहले Aadhaar अपडेट के दौरान गलती करना एक सामान्य बात मानी जाती थी, लेकिन अब UIDAI यानी Unique Identification Authority of India ने सख्ती बढ़ा दी है। Aadhaar Act के नियमों के अनुसार, यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर गलत बायोमेट्रिक या जनसांख्यिकीय जानकारी देता है, तो यह अपराध की श्रेणी में आता है। इसका उद्देश्य सिस्टम में धोखाधड़ी को रोकना और नागरिकों की पहचान की सुरक्षा को मजबूत करना है।

कैसे होती है सजा और जुर्माने की गणना

UIDAI के दिशानिर्देशों के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति आधार पंजीकरण के समय गलत जानकारी देता है या किसी दूसरे व्यक्ति की पहचान का उपयोग करता है, तो उस पर ₹10,000 तक का जुर्माना और तीन साल तक की जेल हो सकती है। यदि ये अपराध किसी कंपनी द्वारा किया जाता है, तो जुर्माना ₹1 लाख तक बढ़ सकता है। यहां तक कि अगर कोई व्यक्ति UIDAI की अधिकृत संस्था न होते हुए भी डेटा इकट्ठा करता है, तो यह भी दंडनीय है।

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डेटा का दुरुपयोग भी अपराध की श्रेणी में

Aadhaar डेटा की गोपनीयता को लेकर भी काफी गंभीर प्रावधान बनाए गए हैं। यदि कोई संस्था या व्यक्ति बिना अधिकृत अनुमति के आधार डेटा का उपयोग करता है या उसे लीक करता है, तो यह अपराध माना जाएगा। इस तरह के मामलों में भी तीन साल तक की जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है।

CIDR हैक करने पर होगी सबसे कड़ी सजा

CIDR यानी Central Identities Data Repository भारत सरकार का वह डेटाबेस है जहां सभी आधार धारकों का डेटा सुरक्षित रखा जाता है। यदि कोई व्यक्ति इस डेटाबेस में हैकिंग या छेड़छाड़ की कोशिश करता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और ₹10 लाख तक का जुर्माना भुगतना पड़ सकता है। इसे आधार एक्ट में सबसे गंभीर अपराध माना गया है।

UIDAI ने जारी की चेतावनी और गाइडलाइंस

UIDAI ने नागरिकों को जागरूक करते हुए कहा है कि आधार से जुड़ी कोई भी जानकारी अपडेट कराते समय अत्यंत सावधानी बरतें और किसी एजेंट या फ्रॉड लिंक के चक्कर में न पड़ें। आधिकारिक वेबसाइट uidai.gov.in के माध्यम से ही जानकारी अपडेट कराएं और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत शिकायत करें।

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