
अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने का प्लान कर रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री कराने से पहले यह सुनिश्चित करें कि आपका आधार कार्ड (Aadhaar) और पैन कार्ड (PAN Card) लिंक है। यह प्रक्रिया सिर्फ आपके लिए नहीं, बल्कि जिस व्यक्ति से आप प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं, उनके लिए भी अनिवार्य है। अगर ऐसा नहीं हुआ, तो आपको प्रॉपर्टी पर 1% की बजाय 20% टीडीएस (TDS) चुकाना पड़ सकता है, जो एक बड़ा वित्तीय बोझ हो सकता है।
50 लाख या उससे अधिक की प्रॉपर्टी पर नियम
आयकर अधिनियम के अनुसार, 50 लाख रुपये या इससे अधिक की प्रॉपर्टी खरीदने पर, खरीदार को प्रॉपर्टी की कुल कीमत पर 1% टीडीएस केंद्र सरकार को जमा करना होता है। वहीं, बेचने वाले को शेष 99% राशि का भुगतान किया जाता है। हालांकि, पैन और आधार लिंक न होने पर यह प्रक्रिया काफी महंगी साबित हो सकती है।
हाल ही में आयकर विभाग ने ऐसे कई मामलों में खरीदारों को नोटिस भेजे हैं, जहां उन्होंने प्रॉपर्टी खरीद तो ली, लेकिन बेचने वालों का पैन आधार से लिंक नहीं था। इस स्थिति में, खरीदारों को 20% की दर से टीडीएस चुकाने का निर्देश दिया गया है।
खरीदार और विक्रेताओं के लिए नोटिस का सिलसिला
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सैकड़ों खरीदारों को ऐसे नोटिस भेजे गए हैं। अधिकतर मामलों में यह देखा गया कि प्रॉपर्टी सेलर का पैन कार्ड इनऑपरेटिव हो चुका है क्योंकि यह आधार से लिंक नहीं था। ऐसे में खरीदारों पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ डालते हुए उनसे बकाया टीडीएस की मांग की गई है।
क्या है इस समस्या की जड़?
आयकर अधिनियम की धारा 139AA के तहत यह अनिवार्य है कि आयकर रिटर्न (ITR) भरने के लिए आधार को पैन से लिंक कराया जाए। पैन-आधार लिंक करने की अंतिम तारीख 31 मार्च 2022 थी। इस तारीख तक यह प्रक्रिया मुफ्त थी। इसके बाद, लिंक न कराने वाले पैन कार्ड इनऑपरेटिव हो गए, और अब ऐसी स्थिति में प्रॉपर्टी लेन-देन पर खरीदारों से 20% टीडीएस वसूला जा रहा है।
क्या कर सकते हैं समाधान के लिए?
अगर आपने अब तक अपने पैन और आधार को लिंक नहीं कराया है, तो इसे जल्द से जल्द करवा लें। आप अभी भी 1000 रुपये की लेट फीस जमा करके इसे लिंक कर सकते हैं। यह प्रक्रिया न केवल आपको अतिरिक्त वित्तीय बोझ से बचाएगी, बल्कि आपके लेन-देन को भी सरल और सुरक्षित बनाएगी।