
भारत सरकार ने वित्तीय लेन-देन को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाने के लिए PAN Card से जुड़ा एक नया नियम लागू किया है। अब कोई भी व्यक्ति बिना PAN Card के ₹50,000 से अधिक का निवेश नहीं कर पाएगा। यह नियम म्यूचुअल फंड-Investment, फिक्स्ड डिपॉजिट-FD, बीमा प्रीमियम-Insurance Premium, और बैंकिंग ट्रांजैक्शन सहित कई वित्तीय क्षेत्रों में प्रभावी होगा।
आयकर विभाग के अनुसार, यह नया नियम काले धन को रोकने और वित्तीय धोखाधड़ी पर नियंत्रण रखने के उद्देश्य से लागू किया गया है। अब यदि कोई व्यक्ति बिना PAN Card के ₹50,000 से अधिक की राशि निवेश करना चाहता है, तो उसे पहले पैन कार्ड बनवाना होगा। यह नियम IPO, स्टॉक मार्केट-Stock Market और रिन्यूएबल एनर्जी-Renewable Energy क्षेत्र में निवेश करने वाले निवेशकों पर भी लागू होगा।
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बैंकिंग और म्यूचुअल फंड निवेश पर प्रभाव
यदि आप बैंक में ₹50,000 से अधिक जमा या निकासी करने जा रहे हैं, तो आपको PAN Card अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करना होगा। इसके अलावा, म्यूचुअल फंड में ₹50,000 से अधिक निवेश करने के लिए भी पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम SEBI और RBI की सिफारिशों के अनुरूप है, जिससे वित्तीय पारदर्शिता बढ़ेगी और कर चोरी के मामलों में कमी आएगी।
फिक्स्ड डिपॉजिट और बीमा पर नया नियम
अगर आप किसी भी बैंक में ₹50,000 से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट-FD करते हैं, तो आपको पैन कार्ड देना जरूरी होगा। इसके साथ ही, एक वित्तीय वर्ष में ₹5 लाख से अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी यह नियम लागू रहेगा।
वहीं, यदि आप ₹50,000 से अधिक का जीवन बीमा प्रीमियम-Insurance Premium भरते हैं, तो भी आपको पैन कार्ड प्रस्तुत करना होगा। यह निर्णय आयकर अधिनियम की धारा 139ए के तहत लिया गया है।
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क्रेडिट कार्ड और अन्य वित्तीय सेवाओं पर प्रभाव
अब यदि आप क्रेडिट कार्ड-Credit Card के लिए आवेदन करते हैं, तो भी पैन कार्ड अनिवार्य होगा। कई बैंक अब क्रेडिट लिमिट निर्धारित करने के लिए भी PAN Card को एक आवश्यक दस्तावेज मान रहे हैं।
इसके अलावा, यदि आप स्टॉक मार्केट, IPO, और रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो आपको PAN Card के बिना निवेश करने की अनुमति नहीं होगी। इससे शेयर बाजार में अधिक पारदर्शिता आएगी और अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
नया नियम क्यों लागू किया गया?
आयकर विभाग और वित्त मंत्रालय के अनुसार, यह नियम वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाने और काले धन के लेन-देन को रोकने के लिए लागू किया गया है। हाल के वर्षों में कई मामलों में देखा गया कि बिना PAN Card के बड़े निवेश और वित्तीय लेन-देन किए गए, जिससे आयकर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी समस्याएं बढ़ी हैं। इस नियम के लागू होने से टैक्स चोरी पर रोक लगेगी और सरकारी राजस्व में वृद्धि होगी।
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