
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने राज्य में अवैध घुसपैठ को देखते हुए बड़ा फैसला लिया है, सीएम सरमा ने गुरुवार को कहा की अब राज्य में 18 साल से ऊपर के उम्र के व्यक्ति का आधार कार्ड नहीं बनेगा, मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने गुरुवार यह घोषणा कैबिनेट की बैठक के बाद की।
इन्हें मिलेगी एक साल की छूट
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया की अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और चाय बागानों में काम करने वाले श्रमिकों को छूट मिलेगी, और उन्हें अगले एक साल तक कार्ड मिलते रहेंगे, उन्हें अक्टूबर के पहले सप्ताह से अधिसूचना के लागू होने के एक वर्ष तक इस नियम में ढील दी जाएगी, मुख्यमंत्री ने कहा की हम एक साल से ज्यादा समय से लगातार बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ रहे है, जिनमें से सात को 20 अगस्त 2025 को वापस भेज दिया गया, हमें यकीन नहीं है, की हम ऐसे लोगों को पखडने में 100 फीसदी सफल हुए है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया की हम यह सुनिश्चित करना चाहते है, की कोई भी व्यक्ति आधार कार्ड लेकर असम में प्रवेश न कर सके मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा की आधार कार्ड जारी करने पर प्रतिबन्ध लगाने का फैसला राज्य सरकार द्वारा लोगों को अवैध रुप से नागरिकता प्राप्त करने से रोकने के प्रयास का हिस्सा है।
1 महीने का सीएम ने दिया समय
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि 18 साल से अधिक की आयु के व्यक्तियों को आधार कार्ड का आवेदन करने के लिए केवल एक महीने का समय दिया जाएगा, बशर्ते कि अभी तक आधार कार्ड नहीं बनवाया हो, उन्होंने कहा कि चाय बागानों में रहने वाले आदिवासी, 18 वर्ष से अधिक आयु के अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों को अगले एक साल तक आधार कार्ड जारी किये जाएंगे।
नया नियम 1 अक्टूबर से लागू होगा। SC, ST और चाय बागान मजदूरों की कम्युनिटी को एक साल का अतिरिक्त समय दिया जाएगा, अन्य लोग केवल सितंबर तक ही आधार कार्ड बनवा सकते हैं, इसके बाद 18 साल से अधिक उम्र के लोगों को आधार कार्ड तभी मिलेगा जब जिला कलेक्टर, पुलिस और फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल की रिपोर्ट देखकर अनुमति देंगे।