
पैन-आधार लिंकिंग अब सिर्फ एक औपचारिकता नहीं रही, बल्कि यह भारतीय टैक्स सिस्टम को पारदर्शी और आधुनिक बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है। आयकर विभाग ने यह नियम बनाया ताकि वित्तीय धोखाधड़ी पर रोक लगाई जा सके और एक ही व्यक्ति के नाम पर कई पैन कार्ड की संभावना समाप्त की जा सके। खास बात यह है कि कुछ विशेष पैन धारकों को अब 31 दिसंबर 2025 तक अपना आधार नंबर अपडेट करना जरूरी हो गया है, जो पहले केवल आधार नामांकन आईडी के आधार पर पैन जारी करवा चुके हैं।
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किसे करना है पैन और आधार का लिंक
यह नया नियम उन लोगों पर लागू होता है, जिन्होंने 1 अक्टूबर 2024 से पहले अपने पैन कार्ड के लिए आवेदन करते समय आधार नामांकन आईडी (Aadhaar Enrolment ID) का उपयोग किया था। ऐसे लोगों को अब 31 दिसंबर 2025 तक अपना पूरा आधार नंबर आयकर विभाग को सूचित करना होगा, नहीं तो उनका पैन निष्क्रिय घोषित कर दिया जाएगा। यह डेडलाइन CBDT द्वारा हाल ही में जारी एक अधिसूचना के तहत लागू की गई है।
पैन निष्क्रिय होने पर क्या होगा असर
यदि समय सीमा के भीतर आधार नंबर अपडेट नहीं किया गया, तो पैन निष्क्रिय हो जाएगा और इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। निष्क्रिय पैन का सबसे सीधा असर आयकर रिटर्न फाइल करने पर पड़ेगा, जो दाखिल नहीं हो पाएगा। इसके अलावा रिफंड में देरी, TDS-TCS की उच्च दरें और बैंकों या वित्तीय संस्थानों में लेन-देन की अड़चन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। यही नहीं, IPO में निवेश, Mutual Funds में KYC और अन्य सरकारी योजनाओं में भागीदारी भी प्रभावित हो सकती है।
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पैन को आधार से लिंक कैसे करें
इस प्रक्रिया को सरल रखा गया है ताकि हर कोई इसे ऑनलाइन आसानी से पूरा कर सके। आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर लॉगिन करने के बाद ‘Link Aadhaar’ विकल्प चुनें और अपना 12 अंकों का आधार नंबर दर्ज करें। आधार से जुड़े मोबाइल नंबर पर OTP भेजा जाएगा, जिसे दर्ज करके प्रक्रिया पूरी की जा सकती है। जिन लोगों को विलंब शुल्क देना है, वे पहले ‘e-pay tax’ विकल्प के माध्यम से ₹1000 का भुगतान कर सकते हैं और फिर लिंकिंग की प्रक्रिया पूरी कर सकते हैं।
31 दिसंबर 2025 की डेडलाइन क्यों है अहम
इस बार की डेडलाइन खास है क्योंकि यह उन लोगों के लिए निर्धारित की गई है जिन्होंने पूर्ण आधार नंबर नहीं बल्कि केवल नामांकन आईडी के जरिए पैन हासिल किया था। अब सरकार चाहती है कि ऐसे सभी व्यक्ति अपने वैध आधार नंबर की जानकारी आयकर विभाग को दें ताकि उनके दस्तावेज़ अपडेट हो सकें और सिस्टम में किसी भी प्रकार की विसंगति न रहे। यह डेडलाइन सभी के लिए नहीं है, बल्कि एक लक्षित समूह के लिए है, इसलिए इसे हल्के में लेना भारी पड़ सकता है।
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